जयपुर. प्रदेश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और अब तक प्रदेश में कोरोना वायरस पॉजिटिव 54 मामले सामने आ चुके हैं. जिसके बाद शनिवार को सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के सेवानिवृत्त और एक्सपर्ट डॉक्टर्स के साथ बैठक की और वायरस की रोकथाम और इलाज को लेकर अनुभवी चिकित्सकों का सहयोग मांगा.
कोरोनावायरस को लेकर 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की एडवाइजरी कमेटी का गठन बैठक के बाद प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के अनुभवी और सेवानिवृत्त चिकित्सकों के साथ सीएम अशोक गहलोत ने मंथन किया है. जिसके बाद है कुछ बड़े फैसले सरकार की ओर से लिए गए हैं. इसके तहत चिकित्सा विभाग को सलाह देने के लिए 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की एडवाइजरी कमेटी गठित की गई है, जो कोरोना के लेकर सरकार को विशेषज्ञ सलाह देंगे.
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इस कमेटी में डॉ. वीरेन्द्र सिंह, डॉ. एमएल गुप्ता, डॉ. पीआर गुप्ता, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. एसडी गुप्ता, डॉ. राजाबाबू पंवार और डॉ. सुधीर भंडारी शामिल हैं. वहीं मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि जिस तरह से पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है, उसके बाद प्रदेश में वेंटीलेटर्स, ICU बेड्स की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी. कोरोना से लड़ने के लिए 10 हजार आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत है.
बैठक में ये फैसले लिए गए-
प्रति 10 हजार लोगों पर 2 वेंटिलेटर और 2 आईसीयू बेड की जरूरत होगी, जिसका प्रबंध किया जाएगा. कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता के लिए फ्लैगमार्च करवाया जाएगा. जयपुर की तरह भीलवाड़ा, जोधपुर, झुंझुनूं में आर्मी को फ्लैग मार्च कराना पड़ा तो वहां भी करवाएंगे. जहां भी कोरोना का प्रभाव ज्यादा वहां आर्मी और पुलिस दोनों फ्लैग मार्च कर सकती हैं.
जल्द ही आएगी रैपिड टेस्टिंग किट -
ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की कम समय में जांच संभव होगी. किट को अमरीका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने एप्रूव किया है. सीएम ने रैपिड टेस्टिंग किट की जल्द खरीद के भी निर्देश दिए हैं. जयपुर में 2 हजार से ज्यादा कोरोना जांचें संभव होंगी. अभी SMS अस्पताल में 300 से 400 कोरोना जांच हर दिन होती हैं, लेकिन 1300 से 1500 जांच प्रतिदिन संभव हैं.
SMS में 3 माइक्रोबायोलॉजी की टीमें लगी हुई हैं. निजी महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भी 500 जांचें संभव हैं. इसे 1000 तक बढ़ाया जा सकता है. महात्मा गांधी लैब में जांच के लिए ICMR से अनुमति लेनी होगी. राज्य भर में 2 से 2.5 हजार जांच की सुविधा अभी उपलब्ध है. वहीं मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में इसे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.