जयपुर. जयपुर डेयरी में पकड़े गए मिलावटी दूध से भरे टैंकरों के मामले में 8 दिन बाद भी कोई खास सफलता नहीं मिली है. वहीं डेयरी और सीएमएचओ से मिली दूध के सैंपल की जांच को लेकर भी अब लगातार सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि एसओजी ने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से मिलावट को लेकर विरोधाभासी स्थिति को स्पष्ट करने को भी कहा था. जिसके बाद जयपुर डेयरी ही प्रशासन के उच्च स्तर के अधिकारी इस मामले को स्पष्ट करने की कोशिश भी नहीं कर रही है.
बता दें कि बीते गुरुवार को 3800 लीटर दूध से भरे टैंकर को मिलावट होने की आशंका हुई थी. डेयरी प्रशासन ने सैंपल लेकर उसकी जांच भी की थी, जिसमें दूध में वनस्पति तेल के मिलावट होने की पुष्टि हुई है. इस मामले की शिकायत के बाद जयपुर डेयरी में एसओजी की टीम भी पहुंच गई थी और मामले में गंभीरता जताते हुए उन्होंने सीएमएचओ की टीम बुलाकर सैंपलिंग भी करवाई थी. इसके बाद सीएमएचओ ने एसओजी को भेजी रिपोर्ट में दूध में मिलावट होने से इनकार कर दिया. इधर डेयरी प्रशासन अपनी जांच रिपोर्ट को लेकर भी अड़ा हुआ है. उन्होंने डेयरी की रिपोर्ट को सही बताया है.
अब एसओजी दोनों की विरोधाभासी स्थिति से निपटने के लिए दोबारा से जांच करवाने या विरोधाभास दूर करने का प्रयास भी कर रही है . अब सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि डेयरी में रोजाना दूध से भरे सैकड़ों टैंकरों की जांच होना शुरू हो गई है. अगर रिपोर्ट में गड़बड़ होती है, तो आगे मिलावट रोकने के लिए एक बड़ी चुनौती भी साबित हो सकता है.