भीलवाड़ा: भीलवाड़ा खनन हादसे ने प्रदेश की सियासत में हलचल पैदा कर दी है. सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष बयानों के तीर चला कर एकदूसरे को बीधने की जुगत में है. सियासी पारा बढ़ने के साथ ही प्रशासन की फुर्ती भी दिख रही है. खनन हादसे को लेकर आम लोगों के आक्रामक रूख को देखते हुए जिला कलेक्टर ने हादसे के लिए जिम्मेदार दोषियों को सजा सुना दी है. उपखंड अधिकारी के ट्रांसफर के बाद उन्हें तुरंत रिलीव किया जबकि तहसीलदार और पटवारी को चार्जशीट थमा दी है. इस दर्दनाक हादसे में 7 निर्दोषों ने जान गंवा दी थी.
भीलवाड़ा हादसा: सभी शवों का अंतिम संस्कार ,परिवार वालों का रो -रो कर बुरा हाल, गांव का माहौल गमगीन
ऐसे की सख्त कार्रवाई! : इस हादसे के मुख्य आरोपी को आसीन्द पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था . जिसके बाद जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने आसींद उपखंड क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों को नहीं बख्शा. उन्होंने आसींद एसडीएम सी.एल. शर्मा को दूसरी जगह स्थानांतरण होने पर तुरंत रिलीव कर दिया और आसींद तहसीलदार बेनीप्रसाद सरगरा और लाछुड़ा के पटवारी को चार्जशीट थमा दी.
मौत पर सियासत: BJP के पूर्व मंत्री ने अफसरों पर लगाया मिलीभगत का आरोप, ACB जांच की डिमांड
स्थानीय लोगों में था आक्रोश:आसीन्द पंचायत समिति क्षेत्र के लाछुड़ा गांव में बुधवार को अवैध खनन के दौरान खदान का ऊपरी हिस्सा ढह गया था . जिसमें खदान में काम कर रहे सात मजदूरों के मलबे में दबने से दर्दनाक मौत हो गई थी . उसके बाद क्षेत्र वासियों ने प्रशासनिक लापरवाही और खनन माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया था . इसे लेकर जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने आसीन्द उपखंड क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की.
पूर्व मंत्री ने मिलीभगत का लगाया था आरोप: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने इसमें सरकार का Failure देखा. उन्होंने कहा था कि आरोपियों के खिलाफ शिकायत होने के बाद उन्हें धरा गया फिर छोड़ भी दिया गया. ये सब कुछ मिलीभगत के बिना मुमकिन नहीं था और इसके लिए कहीं न कहीं सरकार जिम्मेदार है.
कांग्रेस को तो कैंसर विरासत में मिला: खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने विपक्ष के आरोपों को लेकर कहा कि राज्य में अवैध खनन को एक संस्थागत माफिया के रूप में बजरी खनन के लिए भाजपा सरकार के समय ही पनपाया गया है. अवैध खनन जो राज्य में एक फोड़ा था, भाजपा सरकार के समय में ही नासूर बनकर कैंसर के रूप में तब्दील होकर कांग्रेस सरकार को विरासत में मिला.