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सरकार को टोंक की घटना पर जवाब देना पड़ेगा : सतीश पूनिया - Satish poonia in bhilwara

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत पर टोंक जिले में मासूम से दुष्कर्म और हत्या के बाद प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं शासन और लोकतंत्र के लिए बड़ी चुनौती हैं और इस पर सरकार को जवाब देना होगा. वहीं निकाय चुनावों में उन्होंने कांग्रेस को जनादेश की बात भी नकारी.

Satish Poonia, सतीश पूनिया, भीलवाड़ा में सतीश पूनिया
ईटीवी भारत पर सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

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Published : Dec 2, 2019, 5:17 PM IST

भीलवाड़ा.भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आज एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. जहां उन्होंने जिले के गुलाबपुरा कस्बे में गांधी कन्या महाविद्यालय के छात्र संघ कार्यालय के उद्घाटन समारोह का शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की. इससे पहले जगह-जगह उनका भाजपा कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान पूनिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

टोंक जिले में मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले पर उन्होंने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शासन व प्रशासन के लिए यह बड़ी चुनौती है. प्रदेश में 11 माह से अपराध बढ़ रहे हैं. वहीं उन्होंने हैदराबाद की घटना पर भी पीड़ा जाहिर की. उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली में निर्भया कांड हुआ, उसके बाद अलवर के थानागाजी में और फिर अब टोंक की घटना से मुझे लगता है सामाजिक विकृति तो है ही लेकिन शासन व लोकतंत्र के लिए भी बड़ी चुनौती है.

भीलवाड़ा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

उन्होंने कहा कि 11 महीने की सरकार के कार्यकाल में जो घटनाक्रम हुए हैं वो अफसोसजनक हैं. विपक्षी दल के रूप में नहीं, आम आदमी की तरह सोचा जाए तो इन महिनों में प्रदेश की अराजकता व कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है. आज राजस्थान सर्वाधिक अपराध ग्रस्त राज्यों में आ गया है. बीते 11 माह में डेढ़ लाख से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं. दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं ने तो सरकार की पोल ही खोल दी है.

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दिल्ली में 14 दिसंबर को तमाम विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन की घोषणा के सवाल पर पूनिया ने कहा कि ताज्जुब की बात तो यह है कि कांग्रेस ने 55 वर्ष तक लोकतंत्र में शासन का अधिकार मिला. आज वो बेरोजगारी व आर्थिक नीति को बदलने की बात कहती है. उनके लिए तो 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली' जैसी कहावत मुझे सही लगती है. कांग्रेस अब किसी भी आंदोलन का नैतिक अधिकार खो चुकी है. यह उनकी आदत में है.

पंचायत चुनाव के बाद होगा बड़ा आंदोलन
पूनिया ने कहा कि प्रदेश में किसानों और बेरोजगारों को बड़े आंदोलन की आवश्यकता है. जिसकी हम तैयारी कर रहे हैं. पंचायत चुनाव के बाद एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. पंचायत चुनाव के बाद प्रदर्शन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं इस आंदोलन को राजनीतिक माइलेज से नहीं जोड़ सकता. स्थानीय स्तर पर किसान और बेरोजगारों को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी है. लेकिन चुनाव आयोग ने 10 से 14 दिसंबर के बीच चुनाव की घोषणा के संकेत दे रखे हैं. साथ ही वर्तमान सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर जश्न की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा सरकार को टोंक की घटना पर जवाब देना पड़ेगा.

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ना कांग्रेस जीती, ना भाजपा हारी : पूनिया
वहीं कुछ दिनों पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की ओर से भाजपा पार्टी हाशिये पर जाने के बयान को लेकर पूनिया ने कुछ भी कहने से इनकार किया. उन्होंने कहा सरकार यह प्रचारित करने की कोशिश कर रही है कि निकाय चुनाव में उसे जनादेश मिला है. लेकिन इसका निरपेक्ष विश्लेषण किया जाए तो निकाय चुनाव में कुल 2105 में से कांग्रेस को 961 वार्ड पार्षद पदों पर ही विजय मिली है. जिसे केवल 36 प्रतिशत वोट ही मिले हैं और 36 प्रतिशत लाने वाला केवल पास माना जाता है.

पूनिया ने कहा 23 लाख में से 8.25 लाख वोट मिलने वालों की जीत नहीं कही जा सकती. मुझे लगता है यह सरकार के पक्ष में जनादेश नहीं है. उन्होंने कहा इस निकाय चुनाव में ना कांग्रेस जीती है और ना भाजपा हारी है. कांग्रेस पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए पूनिया ने कहा कि चुनाव से पहले परिसीमन नहीं होता तो शायद यह परफॉर्मेंस भी कांग्रेस को नहीं मिलती.

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संगठन चुनाव में युवाओं को तरजीह
संगठन चुनावों के सवाल पर पूनिया ने कहा कि मुझे लगता है अब समय बदल गया है. हमने कोशिश की है कि मंडलों में भी युवाओं व जिले में भी ऊर्जावान लोगों के हाथ में नेतृत्व मिले. लोकतंत्र में जातियों की अहमियत जरूरी नहीं है. लेकिन उनमें अच्छी सोशल इंजीनियरिंग होनी चाहिए.

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