भरतपुर. कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश और देश के सभी स्कूल, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद रहे. विद्यार्थी पढ़ाई करने के लिए स्कूल, कॉलेज नहीं जा पाए. ऐसे में सरकार ने विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने के लिए और घर पर ही शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया. आर्थिक रूप से समृद्ध वर्ग ने अपने विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से भले ही जोड़ दिया, लेकिन आर्थिक तंगी के दौर से गुजरने वाले और कच्ची बस्तियों में रहने वाले विद्यार्थियों को कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन शिक्षा का कोई लाभ नहीं मिल पाया.
महंगे स्मार्ट फोन और टीवी खरीदना मुश्किल
शहर की रनजीत नगर स्थित कच्ची बस्ती के पूर्व पार्षद जगदीश ने बताया कि बस्ती में करीब 500 बच्चे स्कूल और कॉलेज शिक्षा से जुड़े हुए हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल, कॉलेज बंद हो गए और सभी बच्चे बीते कई माह से बस्ती में ही रह रहे हैं. पूरी बस्ती में रहने वाले लोग छोटी मोटी मजदूरी करके या फिर अन्य काम करके गुजारा करते हैं.
उन्होंने बताया कि यहां रहने वाले लोग इतने सक्षम नहीं हैं कि वो अपने बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन से जोड़ने के लिए महंगे स्मार्टफोन और टीवी खरीद सकें. ऐसे में कोरोना संक्रमण का यह दौर बस्ती के सभी बच्चों के लिए शिक्षा की दृष्टि से बहुत बुरा गुजरा है. सभी बच्चे शिक्षा से पूरी तरह से कट गए हैं.
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बस्ती निवासी गीता ने बताया कि उसका बेटा तीसरी कक्षा में पढ़ता है, लेकिन कोरोना के चलते अब वो स्कूल नहीं जा पा रहा. गीता ने बताया कि वह और उसका पति मेहनत मजदूरी करके परिवार चलाते हैं. ऐसे में उनके पास इतना पैसा नहीं है कि बच्चों को घर पर ही ऑनलाइन शिक्षा दिलाने के लिए महंगा स्मार्टफोन या फिर टीवी खरीद सकें.