भरतपुर.जिले में सिलिकोसिस तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है. पिछले एक साल में जिले के 204 लोग सिलिकोसिस बीमारी से मौत के मुंह में समा गए. सिलिकोसिस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान सरकार की ओर से मरीजों और मृतक के आश्रितों को आर्थिक सहायता राशि (silicosis assistance amount 2022) उपलब्ध कराई जाती है. यही वजह है कि सिलिकोसिस के वाजिब मरीजों के साथ ही कुछ लोग सहायता राशि के लालच में फर्जी आवेदन भी कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग जांच के दौरान सैंकड़ो आवेदन निरस्त कर रहा है.
4 साल में 636 की मौतः कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अविरल सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 से सिलिकोसिस के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हुई. तब से अब तक पूरे जिले में सिलिकोसिस के 2209 मरीज प्रमाणित हो चुके हैं. जबकि इनमें से 636 लोगों की सिलिकोसिस से (Death Due to Silicosis in Rajasthan) मौत हो चुकी है. सिलिकोसिस लोगों को कितनी तेजी से शिकार बना रहा है, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2021 से अब तक सिर्फ 1 साल में जिले के 204 लोगों की सिलिकोसिस से मौत हो चुकी है.
11,943 आवेदन हुए रद्दः डॉ. अविरल सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार की ओर से सिलिकोसिस मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था है. इसके लिए मरीज ऑनलाइन पोर्टल से आवेदन करते हैं. बीते 4 वर्ष की बात करें तो ऐसे बहुत सारे मरीजों ने सिलिकोसिस मरीज के रूप में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया, जिनमें वास्तव में सिलिकोसिस के कोई लक्षण नहीं थे. जब स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल बोर्ड में आवेदनकर्ताओं की स्वास्थ्य जांच की गई तो उनमें सिलिकोसिस के लक्षण नहीं पाए गए. जिसके चलते 11,943 आवेदन रद्द कर दिए गए.