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जिस मां को मृत समझकर 5 साल पहले तर्पण कर दिया, वो भरतपुर के अपना घर आश्रम में जीवित मिली - अपना घर आश्रम भरतपुर

मध्य प्रदेश के अशोक नगर निवासी राकेश की मानसिक रूप से अस्वस्थ मां राजकुमारी 10 साल पहले घर से बिना बताए चली गयी थी. 5 साल पहले एक पड़ोसी ने एक ट्रेन हादसे में मां की मौत की सूचना दी, जिसके बाद राकेश ने मां को मृत समझकर उनका तर्पण भी कर दिया.

Mother found alive after 10 years
10 साल बाद मिली मां

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Published : May 18, 2021, 3:32 PM IST

Updated : May 18, 2021, 6:48 PM IST

भरतपुर. मध्यप्रदेश के अशोक को मां के मरने की सूचना मिली. लेकिन दिल में मां के जिंदा होने की उम्मीद बची हुई थी. इसीलिए राकेश लगातार सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से मां को तलाशता रहा. आखिर 11 मई राकेश की शादी की सालगिरह पर ऐसा तोहफा मिला. जिसने उसकी तलाश को मुकम्मल कर दिया.

10 साल बाद जिंदा मिली मां

राकेश को अपनी मां के अपना घर आश्रम में जिंदा होने की खबर मिली. राकेश अपनी पत्नी के साथ मां को लेने अपना घर आश्रम पहुंचा. राकेश ने बताया कि वर्ष 2005 में पिता की मौत के बाद से ही मां का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था और वो मानसिक रूप से अस्वस्थ थी. उनका उपचार भी चल रहा था लेकिन वर्ष 2011 में मां बिना बताए हुए घर से निकल गई. उन्हें बहुत ढूंढा लेकिन कहीं पर मां का पता नहीं चला. मां के लापता होने के बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई.

मौत की सूचना पाकर तर्पण किया

राकेश के पड़ोसी ने वर्ष 2016 में इटारसी रेलवे स्टेशन पर एक हादसे में मां की मौत की सूचना दी. जिसके बाद मां को मृत समझकर उनका ब्राह्मणभोज कराकर तर्पण भी कर दिया. लेकिन दिल में बार बार मां के जिंदा होने का ख्याल आता था.

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फेसबुक पेज से मिली मां

ऐसे में मां की तलाश जारी रखी. सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से राकेश अपनी मां को तलाशता रहा. आखिर राकेश की शादी की सालगिरह के दिन 11 मई 2021 को छोटे भाई गोपाल प्रजापत ने मां के जीवित होने की सूचना दी. इसके बाद गोपाल ने भरतपुर के अपना घर आश्रम में कॉल कर पूरी जानकारी ली. आश्रम के संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि सोमवार को राकेश अपनी पत्नी के साथ मां राजकुमारी को लेने अपना घर आश्रम पहुंचे. यहां सभी जरूरी औपचारिकता पूरी कर राकेश अपनी मां को साथ लेकर घर लौट गए.

Last Updated : May 18, 2021, 6:48 PM IST

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