भरतपुर.पाकिस्तानी दुश्मन ने बजरंग पोस्ट पर कब्जा कर लिया था और लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया व उनके चार साथियों को दुश्मन ने बंदी बना लिया. इसके बाद लेफ्टिनेंट अमित भारद्वाज अपने साथी सैनिकों के साथ बजरंग पोस्ट की तरफ बढ़े और दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. इसी दौरान एक कंपनी को कैप्टन तेजवीर सिंह की अगुवाई में बजरंग पोस्ट से ऊंचाई पर स्थित 99 टॉप पर भेजा गया. उधर से भारतीय सेना ने दुश्मन पर धावा बोला. दुश्मन मजबूत पोजीशन पर था इसलिए कई दिनों के संघर्ष के बावजूद बजरंग पोस्ट को जीता नहीं जा सका.
भरतपुर निवासी 4 जाट रेजिमेंट के वीर योद्धा हवलदार सरदार सिंह ने बताया कि लेफ्टिनेंट अमित भारद्वाज और उनके साथी जवानों के शहीद होने की सूचना के बाद आखिर काकसर क्षेत्र में तैनात सभी कंपनियों से कुछ कुछ जवानों को इकट्ठा किया गया.
सूबेदार सरदार सिंह ने बताया कि वो उस समय चार जाट रेजीमेंट की ब्रावो कंपनी में पापा पोस्ट पर हवलदार के रूप में तैनात थे. उन्हें अन्य कंपनी के जवानों के साथ बजरंग पोस्ट को फतह करने के आदेश मिले. पूरी रणनीति तैयार कर बजरंग पोस्ट पर धावा बोला गया. लेकिन ऊंचाई पर बैठे दुश्मन को हमारे हमले की जानकारी मिल गई और पहले दिन हमारा हमला विफल हो गया. उधर से कैप्टन तेजवीर सिंह की अगुवाई में 99 पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना ने दुश्मन के गोला बारूद की सप्लाई को बाधित कर दिया.