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रामगढ़ की ओडेला स्कूल पर नहीं फहराया तिरंगा...पत्रकारों के आने के सूचना मिली तो आनन-फानन में अध्यापक ने लगा दिया झंडा, नहीं हुआ राष्ट्रगान - No flag hoisting in school

अलवर के रामगढ़ के ओडेला गांव में सरकारी स्कूल पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया गया. जबकि स्कूल के एक मात्र अध्यापक उमरदीन का घर स्कूल से 2 किमी की दूरी पर था. जब उमरदीन को पत्रकारों के आने की सूचना मिली तो आनन-फानन स्कूल की बिल्डिंग पर झंडा लगा दिया गया.

ओडेला स्कूल पर नहीं फहराया तिरंगा
ओडेला स्कूल पर नहीं फहराया तिरंगा

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Published : Aug 15, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Aug 15, 2021, 10:00 PM IST

रामगढ़ (अलवर). एक तरफ जहां पूरे देश ने स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ की खुशियां मनाई तो वहीं दूसरी तरफ रामगढ़ तहसील के राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओडेला के संस्था प्रधान उमरदीन ने झंडारोहण करना भी उचित नही समझा.

रविवार को 15 अगस्त को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. सरकारी भवनों पर तिरंगा फहराया गया. पिछले 2 साल से कोरोना के कारण विद्यालयों में बच्चे नहीं जा पा रहे, ऐसे में विद्यालय के संस्था प्रधान की ओर से स्टाफ की मौजूदगी में झंडारोहण किया गया.

ओडेला स्कूल पर नहीं फहराया तिरंगा

लेकिन रामगढ़ तहसील के बीजवा ग्राम पंचायत के गांव ओडेला में स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण ही नहीं हुआ. ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर विद्यालय में प्रातः 8 बजे झंडारोहण होना था, परंतु 2 बजे तक विद्यालय के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था. विद्यालय में किसी ने भी झंडारोहण नहीं किया.

महिलाओं ने बताया कि विद्यालय में सिर्फ एक ही कर्मचारी है. जिसका घर विद्यालय से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने झण्डारोहण का अपना कर्तव्य नहीं निभाया. विद्यालय में कार्यरत अध्यापक उमरदीन को पत्रकारों के पहुंचने की सूचना मिली तो वे तुरंत विद्यालय पहुंच गए और आनन-फानन में गांव के ही किसी व्यक्ति को बुलाकर झंडा लगवा दिया.

पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस : रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने फहराया तिरंगा

जबकि विभागीय नियमानुसार झण्डारोहण विद्यालय संस्था प्रधान को नियमो के मुताबिक करना चाहिए. झण्डारोहण के पश्चात राष्ट्रगान गाया जाना भी जरूरी है. लेकिन अध्यापक ने रस्म अदायगी कर छुट्टी पा ली. 2 बजकर 20 मिनट पर सिर्फ झंडा लगाकर अध्यापक उमरदीन ने औपचारिकता पूरी कर दी.

सीबीईओ रामगढ़ जगदीश जाटव ने बताया कि सभी संस्था प्रधानों को निर्देशित किया गया था कि सभी संस्थाओ में प्रातः 8 बजे झण्डारोहण किया जाना है. झंडारोहण के पश्चात 8.30 बजे उपखण्ड स्तर पर झंडारोहण में भाग लेना है. उन्होंने संस्था प्रधान का बचाव करते हुए कहा कि उनका फोन आया था. उन्होंने कहा कि अचानक बच्चा बीमार हो गया जिसे डॉक्टर को दिखाने वे अलवर गए थे. स्कूल की चाबी भी साथ ही चली गई थी इसलिए गेट पर ताला रह गया. जाटव ने कहा कि फिर भी स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण नहीं होना गलत है. सक्षम अधिकारियों को कार्यवाही के लिए प्रकरण बनाकर प्रेषित किया जाएगा.

सवाल यह कि अगर संस्था प्रधान के साथ कोई मजबूरी भी थी तो उन्हें किसी को सूचित कर जाना चाहिए था. पत्रकारों के आने की सूचना पर गांव के ही किसी व्यक्ति से आनन-फानन झंडा फहराना और राष्ट्रगान तक नहीं होना गलत है.

पहले भी रामगढ़ में हुई है यही गलती

2017 में रामगढ़ कस्बे के मुख्य स्टैंड वाले सरकारी स्कूल में झंडारोहण नहीं किया गया था. झंडारोहण के वक्त स्कूल के गेट पर ताला लटका हुआ था. इससे नाराज ग्रामीणों ने नारेबाजी की थी और अस्थाई दुकानदारों ने तत्कालीन थाना अधिकारी अजीत सिंह को मौके पर बुलाकर उनके हाथों झंडारोहण कराया था. साथ ही जन-गण-मन की धुन पर तिरंगे को सलामी भी दी थी.

Last Updated : Aug 15, 2021, 10:00 PM IST

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