अलवर. जिले में शुक्रवार से 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक कर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं. इसे लेकर अलवर के सभी बैंक बंद कर दिए गए है. साथ ही अलवर में एसबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया.
अलवर में बैंकों के हड़ताल का दिखा असर बता दें कि इससे पहले भी आईबीए की ओर से हड़ताल टालने के लिए यूनियन के साथ गुरुवार को बैठक हुई थी, जो असफल रही. इसमें आईबीए ने 13.50 प्रतिशत की वेतन वृद्धि का ऑफर दिया, जिस पर यूएफबीईयू ने न्यूनतम 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग की. वहीं, इस बार बैंक के बंद होने का असर ज्यादा व्यापक इसलिए भी होगा, क्योंकि दो दिनों की हड़ताल के बाद रविवार का साप्ताहिक अवकाश है. इससे लोगों की काफी ज्यादा परेशानी बढ़ेगी.
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वहीं, हड़ताल की वजह से तीन से चार करोड़ के कैश के लेन-देन प्रभावित होने की संभावना है. इससे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल का अलवर में व्यापक प्रभाव पड़ा है. भारतीय स्टेट बैंक समेत पीएनबी, केनरा, इलाहाबाद, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा आदि के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार से 2 दिन हड़ताल पर चले गए है, जिससे बैंक में ताला लटक रहा है. फोरम की मांग है कि न्यू पेंशन स्कीम समाप्त हो और वेतन लागू की जाए.
बैंक कर्मियों का कहना है कि सरकार की ओर से उनकी विभिन्न मांगों को पूरा किया जाए अन्यथा आगामी 11 से 13 मार्च को फिर से तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी. अगर इसके बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगामी 1 अप्रैल से सभी बैंकों के बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.