अजमेर.आमजन के बीच जाकर सेवा करने का जज्बा तो वहीं घूंघट प्रथा से बाहर निकलने की चुनौती से महिलाएं बाहर आने लगी हैं. अजमेर की कई महिलाएं राजनीतिक क्षेत्र में अपनी अलग ही पहचान बना चुकी हैं. घरों की चारदीवारी में सिमटी रहने वाली महिलाओं के जहन में अब सियासत की डगर पर चलने के जुनून में भी अपना अलग ही घर बना लिया है. अब महिलाएं राजनीति को भी कैरियर के रूप में देखने और समझने लगी हैं.
जनता के बीच जाकर खुद को बताने और उन्हें समझाकर जनसेवा से जुड़ने का मकसद पूरा करने के लिए कुछ पंचायती राज चुनाव से शुरूआत कर रही हैं तो कुछ अपनी पकड़ को और मजबूत बनाने की कोशिश कर रही हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि अजमेर जिला परिषद के चुनाव में भी इस बार महिला उम्मीदवार पुरुषों के मुकाबले अधिक देखी जा रही हैं.
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जिला परिषद सदस्यों के चुनाव के तहत जिले में तीन चरणों का मतदान पूरा हो चुका है. लेकिन इन चुनावों में पुरुष महिलाओं से पीछे हैं. जिला परिषद के कुल 32 सीटों के लिए 77 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या जहां 37 तो वहीं महिलाओं का आंकड़ा 40 है. कुछ वार्ड तो ऐसे हैं, जिनमें पुरुषों के लिए सीट आरक्षित है. उन्हें छोड़कर अन्य पर महिला उम्मीदवार भी खड़ी हुई हैं. पंचायती राज चुनाव में महिला उम्मीदवारों का बढ़ता रुझान राजनीति को एक नई दिशा देने के साथ ही संस्कारित करने की संभावना के रूप में भी देखा जा सकता है.