अजमेर. पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है. प्रदेश में भी हर दिन कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लग गई है. जहां सरकार की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया था, लेकिन उसके संतोषजनक नतीजे हासिल नहीं हुए.
इसीलिए अब सरकार ने सख्ती बरतते हुए नाइट कर्फ्यू के साथ ही वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान किया है. वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान होते ही लोगों में संशय पैदा हो गया. जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखकर लोगों में डर है कि कहीं यह वीकेंड कर्फ्यू लॉकडाउन में ना बदल जाए. इसीलिए शुक्रवार को केंद्रीय रोडवेज बस स्टैंड पर भीड़ देखने को मिली. हर कोई अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बेताब था. जिसमें टिकट विंडो के खुलने से पहले ही लोग लंबी लाइन लगाकर इंतजार करते नजर आए.
गौर करने की बात यह रही कि रोडवेज प्रशासन की ओर से बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग का अनाउंसमेंट करवाने के बावजूद कोई भी बस स्टैंड परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता हुआ नजर नहीं आया. हर किसी के दिमाग में बस अपने गंतव्य तक पहुंचने का ख्याल था. साथ ही हर कोई अपने घर तक पहुंचना चाहता था. बस स्टैंड आने वालों में मजदूर तबके के लोग भी शामिल थे. सभी इसी गफलत में थे कि कहीं वीकेंड कर्फ्यू की अवधि बढ़ गई तो वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाएंगे.
पढ़ें:अजमेर : लॉकडाउन की आशंका...बस स्टैंड पर उमड़े लोग, दिन भर लगा रहा तांता
इसीलिए लोग अपनी जान की परवाह किए बिना बस स्टैंड पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए भीड़ लगाए नजर आए. हालांकि वीकेंड कर्फ्यू की अवधि शुरू होने से पहले पुलिस दल बस स्टैंड पहुंचा और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए समझाता हुआ नजर आया. इसके अलावा पुलिस कर्मियों ने कई दुकानों को भी बंद करवाया, लेकिन इतनी समझाइश भी कोई नतीजा नहीं निकला. लोग बस अपने-अपने घरों तक लौटना चाहते थे. बिना इस बात की परवाह किए उनके इस तरह भीड़ लगाकर जमा होने से उनके लिए संक्रमण का खतरा कितना ज्यादा बढ़ सकता है.