अजमेर. ईटीवी भारत से बातचीत में मित्तल अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी संतोष गुप्ता ने बताया कि केंद्र से अस्पताल को मिलने वाली लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई का कोटा 50 प्रतिशत कर दिया गया है. मित्तल हॉस्पिटल में करीब 90 मरीजो की जान पर संकट ऑक्सीजन की कमी की वजह से आ गया. सोमवार रात बेबस परिजन निजी अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे.
ETV Bharat की खबर का असर... दरअसल, ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिलने से अस्पताल में भी अपने हाथ खड़े कर दिए थे. साथ ही मरीजों के परिजनों को फोन पर मैसेज भेजे जा रहे थे, जिसमें परिजनों को कहा जा रहा था कि वह मरीजों को अन्यत्र अस्पतालों में ले जाएं. इससे परिजनों के हाथ पैर फूल गए. रात भर मरीजों के परिजनों की सांसे चलती रही, लेकिन मंगलवार की सुबह उनके लिए राहत बनकर आई. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने 50 ऑक्सीजन सिलेंडर मित्तल अस्पताल को देने के निर्देश जारी कर दिए.
इस खबर का हुआ असर :अजमेर : संकट में 90 मरीजों की जान, ऑक्सीजन सप्लाई नहीं मिलने से अस्पताल ने खड़े किए हाथ, VIDEO हुआ VIRAL
अस्पताल को सप्लाई मिलने के बाद मरीजों और परिजनों ने राहत की सांस ली है, लेकिन यह राहत चंद घंटों की है. अस्पताल प्रशासन के उच्चे तालुकातों और पूर्व राज्यसभा सांसद भूपेंद्र सिंह यादव के प्रयासों से मित्तल अस्पताल को केंद्र से मिलने वाले लिक्विड ऑक्सीजन का कोटा रिलीज कर दिया है. लेकिन अस्पताल को मिलने वाली लिक्विड ऑक्सीजन का कोटा 50 फीसदी घटा दिया है.
ऐसे में अगले 12 घंटे मरीज 50 ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर है और देर शाम तक लिक्विड ऑक्सीजन का कंटेनर पहुंच जाता है तो अगले दो दिन का ऑक्सीजन मरीजों के लिए रहेगा. गुप्ता ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अस्पताल में 50 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. करीब 90 कोरोना मरीजों का इलाज जारी है.
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सोमवार रात जिस तरह के हालात बने थे, अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को स्वेच्छा से अन्यत्र अस्पतालों में ले जाने के लिए आग्रह किया था. फिलहाल, स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन नए मरीजों की भर्ती के लिए अस्पताल को विचार करना होगा.