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24 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में महिपाल जाट और वीसी आरपी सिंह, 5 दिन की रिमांड पर दलाल रंजीत - एसीबी की रिमांड

एमडीएसयू के वीसी आरपी सिंह, उनके दलाल रंजीत और महिपाल जाट को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया, जहां महिपाल जाट और वीसी आरपी सिंह को 24 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है. वहीं, दलाल रंजीत 5 दिन के लिए एसीबी ने रिमांड पर लिया है.

अजमेर समाचार, ajmer news
वीसी आरपी सिंह 24 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में

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Published : Sep 10, 2020, 9:47 PM IST

अजमेर.महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के वॉइस चांसलर आरपी सिंह और उनके दलाल रंजीत सहित महिपाल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के टीम ने गुरुवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया, जहां से महिपाल जाट और आरपी सिंह को 24 सितंबर तक न्यायिक अभीरक्षा में भेजने के आदेश दिए हैं. वहीं, दलाल रंजीत को एसीबी ने 5 दिन के लिए रिमांड पर लिया है.

वीसी आरपी सिंह 24 सितंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में

एसीबी के जांच अधिकारी पारसमल मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में अब तक कुल 9 आरोपी नामजद है, जिनमें तीन को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, इन तीनों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया. अभी तक जांच में जो निष्कर्ष निकल कर आया है, उसके मुताबिक सभी लोग मिलकर गोश्त का एक रैकेट चला रहे थे.

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इस रैकेट में एग्जाम पैनल बनवाने, कॉलेज की मान्यता दिलाने सहित अन्य मामलों को लेकर बड़ी घुस ली जाती थी. जिसके बाद वह आपस में बांट ली जाती थी. वहीं, जांच अधिकारी के मुताबिक रंजीत के चार अलग-अलग बैंकों के खातों की भी तलाशी ली गई, जिनमें से 4 लाख 90 हजार की राशि पाई गई, जिसे फ्रिज किया गया है.

वहीं, वाइस चांसलर आरपी सिंह के तीन अन्य बैंक खातों में लगभग 19 लाख 80 हजार थे, जिन्हें भी फ्रिज किया गया है. जांच में यह भी सामने आया कि हाल ही में भीलवाड़ा के एस के बंसल परिवादी द्वारा भी रिपोर्ट दी गई थी, जिसमें एग्जाम पैनल और कॉलेज की मान्यता के संबंध में पैसों की मांग की गई थी. वहीं, जांच के दौरान सभी आरोपियों के मोबाइल सर्विलांस पर रखे गए थे.

इस दौरान कई अहम जानकारियां भी निकल कर सामने आई है. बहरहाल, घुस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ गहन रूप से अनुसंधान किया जा रहा है. वहीं, आरोपी के वकील अजय त्रिपाठी ने जानकारी देते बताया कि उनके मुवक्किल को झूठा मामले में फंसाया जा रहा है. जबकि उनके खिलाफ कोई भी साक्ष्य एसीबी नहीं जुटा पाई है.

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