अजमेर. नगर निगम की बजट को लेकर होने वाली साधारण सभा में शहर के हित में अन्य प्रस्ताव पार्षदों से लेने की कांग्रेस पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने मांग उठाई है. रलावता नगर निगम से सेवानिवृत्त उपायुक्त हैं. हाल ही में हुए चुनाव में रलावता कांग्रेस से पार्षद चुनकर आए हैं. अपने अनुभव के आधार पर रलावता ने कहा कि प्रशासन और मेयर साधारण सभा और जनहित के मुद्दों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं.
नगर निगम प्रशासन पर गजेंद्र सिंह रलावता ने लगाए आरोप पूर्व उपायुक्त और कांग्रेस के पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने बताया कि नगर निगम की बजट को लेकर साधारण सभा 20 मार्च से पहले होनी है. इस अवधि में साधारण सभा यदि नहीं होती है तो राज्य सरकार बजट तय करेगी. इसी प्रकार बिल्डिंग बायलॉज 2020 को लेकर नगर निगम ने शहर की भौगोलिक स्थिति को देखकर कोई नियम नहीं बनाए हैं. ऐसे में 4 मार्च को स्वतः ही राज्य सरकार की ओर से बनाए गए बिल्डिंग बायलॉज 2020 प्रभावी हो जाएंगे. इससे आमजन को नुकसान होगा.
उन्होंने बताया कि साधारण सभा के लिए मेयर को पार्षदों के साथ अलग से बैठक रखनी चाहिए, ताकि पार्षद शहर के विकास के लिए अपने प्रस्ताव साधारण सभा के लिए दे सकें, लेकिन पार्षदों को अभी तक कोई सूचना साधारण सभा से संबंधित नहीं दी गई है.
रलावता ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बनाए गए बिल्डिंग बायलॉज 2020 यदि लागू हो जाता है तो इससे परकोटे में रहने वाले लोगों को नुकसान होगा. परकोटा क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां काफी बढ़ गई है. क्षेत्र में 5 से 6 सेट की सड़कें हैं. ऐसे में नगर निगम की ओर से बिल्डिंग बायलॉज के नियम नहीं बनाए जाते हैं तो वहां होने वाले सभी निर्माण अवैध घोषित होंगे.
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उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के फिक्सेशन स्थायीकरण के मामले अटके हुए हैं. इसके अलावा सफाई और निर्माण के टेंडर भी होने हैं. रलावता ने बजट के साथ साधारण सभा में अन्य प्रस्ताव भी शामिल करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि साधारण सभा को लेकर समय अब कम रह गया है. 7 दिन पहले साधारण सभा का एजेंडा जारी करना होता है.
वहीं विधायकों और एमपी की स्वीकृति भी लेनी होती है, लेकिन अभी तक नगर निगम सुस्त नजर आ रहा है. उन्होंने नगर निगम प्रशासन से बिल्डिंग बायलॉज 2020 की समाप्त हो रही 4 मार्च को अवधि में शिथिलता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार से आग्रह करने के लिए पत्र लिखने की मांग की है.