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बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष और सदस्यों ने तोड़ा कोरोना प्रोटोकॉल, बच्चों के कोरोना वार्ड में जाने के बाद कहा- किसी ने रोका ही नहीं - Rajasthan News

अजमेर में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा ने सदस्यों के साथ जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग का औचक निरीक्षण किया. खास बात यह रही कि बिना किसी को बताए अध्यक्ष और सदस्य कोरोना मरीज बच्चों के वार्ड में चले गए. बाद में जब पता चला तो अस्पताल पर अवस्थाओं का आरोप लगाते हुए ठीकरा फोड़ दिया, जबकि बच्चों के कोविड वार्ड में जाकर उन्होंने स्वयं कोरोना प्रोटोकॉल का उलंघन किया है.

Violation of the Corona Protocol,  Ajmer News
कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन

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Published : May 29, 2021, 11:34 PM IST

अजमेर. जिले में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अंजली शर्मा ने सदस्यों के साथ जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग का औचक निरीक्षण किया. खास बात यह रही कि बिना किसी को बताए अध्यक्ष और सदस्य कोरोना मरीज बच्चों के वार्ड में चले गए. बाद में जब पता चला तो अस्पताल पर अवस्थाओं का आरोप लगाते हुए ठीकरा फोड़ दिया, जबकि बच्चों के कोविड वार्ड में जाकर उन्होंने स्वयं कोरोना प्रोटोकॉल का उलंघन किया है.

कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन

अजमेर में बाल विकास समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा सदस्यों के साथ बिना सूचना दिए जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में निरीक्षण करने पहुंच गईं. इस दौरान उनके साथ कुछ यू ट्यूबर भी मौजूद थे. वार्ड के बाहर एक गार्ड ने उन्हें रोका भी, लेकिन इतने लोगों को एक साथ देखकर गार्ड भी उन्हें नहीं रोक पाया. करीब 10 से 15 जने अध्यक्ष अंजली शर्मा के साथ बच्चों के कोरोना वार्ड में घूम आए. इस दौरान किसी ने भी पीपीई किट नहीं पहन रखा था, बाद में पहले तल पर ही समिति की अध्यक्ष और समिति के सदस्य शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. पुखराज के दफ्तर पहुचे, जहां उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त की. नाराजगी की वजह बताई गई बच्चों के कोरोना वार्ड में जाने से किसी ने उन्हें रोका नहीं.

विभाग अध्यक्ष डॉ. पुखराज के दफ्तर में महिला गार्ड और स्टाफ की पेशी करवाई गई. बाद में उन्हें हिदायत दी गई कि ऐसे ही किसी को भी वार्ड में नहीं जाने दिया जाए. बातचीत में बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि शिशु रोग विभाग में शिशु वार्डों का औचक निरीक्षण किया गया. मुख्य गेट से कोरोना मरीज बच्चों के वार्ड तक उन्हें किसी ने नहीं रोका.

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बातचीत में उन्होंने बताया कि अस्पताल कोरोना संक्रमित बच्चों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार है. समिति की ओर से शिशु रोग विभागाध्यक्ष को सुझाव दिए गए हैं कि कोरोना के वार्ड में सीसीटीवी नहीं है, सुरक्षा की दृष्टि से वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं. साथ ही वार्ड में बच्चों को घर का माहौल लगे इसके लिए वार्ड में एक एलईडी जरूर लगवाएं, जिस पर बच्चे कार्टून देख सकें, जिससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ना पड़े. दोनों सुझाव अस्पताल प्रशासन ने मान लिए हैं. तीसरा सुझाव सख्ती के लिए कहा गया है, ताकि कोविड-19 वार्ड कोई भी ऐसे बेधड़क नहीं जा सके.

उन्होंने बताया कि इसी विभाग में 300 बेड बच्चों के लिए रखने और ऑक्सीजन प्लांट से संबंधित भी चर्चा हुई है. उन्होंने बताया कि 4 बच्चे अस्पताल में भर्ती थे, इनमें से दो बच्चों के स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज दिया गया है. चर्चा में बच्चों के मेंटली और फिजिकली के बारे में भी बातचीत हुई है. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत कोरोनावायरस को लेकर काफी चिंतित और सजग हैं. बाल आयोग की अध्यक्ष सुनीता बेनीवाल भी अस्पतालों की विजिट कर बच्चों के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रही है. बातचीत में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अंजली शर्मा ने बताया कि बच्चों के कोविड-19 वार्ड में जाने के बाद पता चला कि यह कोविड-19 वार्ड है. कुछ देर बाद नर्सिंग स्टाफ सामने आया. शर्मा ने बताया कि उनके साथ समिति के सदस्य अरविंद मीणा, तबस्सुम बानो, लक्ष्मी भी मौजूद थे. मुख्य गेट के समीप ही शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पुखराज का दफ्तर है, लेकिन समिति की अध्यक्ष और सदस्य डॉ. पुखराज से ना मिलकर सीधे ही दूसरी मंजिल पर बच्चों के कोविड वार्ड में पहुंच गए, इस बात को उन्होंने स्वीकार भी किया.

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