अजमेर. पशु पालकों ने पुष्कर पशु हाट में तीन स्थानों पर अपने डेरे लगाए हैं. इनमे नया स्थान भी शामिल है. पशु हाट के लिए नए स्थानों पर मूलभूत सविधाएं नहीं होने से पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है. श्रीपुष्कर बहु दिवसीय पशु हाट में ईटीवी भारत का ने सुविधाओं का रियल्टी चेक किया.
अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम पुष्कर पशु मेला इस बार कोविड-19 की गाइड लाइन की बंदिशों में जकड़कर श्रीपुष्कर बहुदिवसीय पशु हाट बन गया है. सावित्री माता पहाड़ी के नीचे नए स्थान पर पुष्कर पशु हाट में शामिल होने पशुपालकों के आने का सिलसिला जारी है. जबकि मेले से दो दिन पहले ही पशुपालक अपना डेरा जमाते आए हैं. यानी पशु पालकों में अब हाट में आने का विश्वास बढ़ रहा है.
पुष्कर पशु हाट : दूसरा दिन ईटीवी भारत ने पुष्कर पशु हाट स्थल का दौरा किया. पुष्कर मेला ग्राउंड जहां मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगत रहती थी. वहां आज वाहनों की पार्किंग बन गई है. जिन मार्गों पर पैदल चलना मुश्किल था वहां सरपट वाहन दौड़ रहे हैं. वर्षों से जहां मेला स्थल था वह खाली पड़ा है और जमीन के खातेदारों ने तारबंदी कर ली है. इन खातेदारों की हिमाकत इतनी है कि पशु के लिए बनी पानी की खेलियां भी तारबंदी के दायरे में कैद कर ली गई हैं.
लिहाजा पुराने मेला स्थल के एक छोटे हिस्से में पशुपालकों ने ऊंटों के साथ डेरा जमाया है. वहीं अश्व पालकों ने नए स्थान पर अपने टेन्ट गाड़ दिए हैं. नए स्थान पर मूलभूत सुविधाओं की कमी साफ तौर पर देखी जा रही है. लाइट-पेयजल की व्यवस्था नहीं है. वहीं पुराने मेला स्थल के जिस हिस्से पर ऊंट पालक हैं वहां पानी की खेलियां कम बनी हुई हैं. बावजूद इसके पशु पालकों के आने का दौर जारी है.
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पर्यटकों की आवक में कमी
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का नाम श्रीपुष्कर बहु दिवसीय हाट होने से देशी विदेशी पर्यटकों के पुष्कर में आवक भी कम हो रही है. आसपास और अन्य जिलों से कार्तिक स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से ही पुष्कर में कुछ रौनक बरकरार है. दरअसल कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका से राज्य सरकार ने पुष्कर मेले की अनुमति नहीं दी थी. बाद में स्थानीय लोगों के दबाव के कारण राज्य सरकार ने श्रीपुष्कर बहु दिवसीय पशु हाट की स्वीकृति दी, लेकिन इसे भी कोविड-19 गाइडलाइन की बंदिशों में बांध दिया. यही वजह है कि देशी और विदेशी पर्यटकों का आना पुष्कर में कम हो गया.
अश्व मेले के नाम से भी बन रही पहचान ऊंटों की संख्या घट रही, घोड़ों की बढ़ रही
पुष्कर मेले में पिछले डेढ़ दशकों से लगातार ऊंट की संख्या लगातार घट रही है. पशुपालकों की मानें तो ऊंट को राज्य पशु का दर्जा दिए जाने के बाद से ही लगातार ऊंटों की खरीद-फरोख्त में काफी फर्क आया है. रही सही कसर मशीनरी युग ने पूरी कर दी है. खेती और अन्य कार्यों के लिए ऊंटों का उपयोग कम होने लगा है, जिस कारण ऊंटों की उपयोगिता कम हो गई है. बाड़मेर से आए ऊंट पालक रफीक बताते हैं कि पशु हाट में पानी, चारे और लाइट सहित किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.
पेट्रोल-डीजल का असर, ऊंट की डिमांड
वहीं मेले को हाट का नाम दिए जाने से पशुओं की आवक भी कम हुई है. उन्होंने बताया कि ऊंटों की खरीद को लेकर पहले से लोगों का रुझान बढ़ा है. इसका कारण बताते हुए उन्होंने बताया कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊंटों की डिमांड बढ़ी है. इसलिए ऊंट के दाम भी अच्छे मिलने की उम्मीद है. पशुपालक रफीक ने बताया कि हाट में 20 से 75 हजार रुपए तक ऊंट के दाम लग रहे हैं.
इधर पशु पालक राघवेंद्र सिंह का कहना है कि इस बार नए पशु हाट स्थल के होने से मूलभूत सुविधाओं में कमी रही है. लेकिन अगले वर्ष तक यहां सुविधाएं बेहतर होंगी, ऐसी उम्मीद की जा रही है. उन्होंने बताया कि मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की डिमांड काफी बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला अब अश्व मेले के रूप में भी विख्यात हो रहा है. केवल उत्तर भारत से ही नहीं बल्कि केरल और तमिलनाडु से भी घोड़े खरीदने एवं बेचने के लिए पशुपालक और ग्राहक आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुराने मेला स्थल को लेकर नियम था कि मेले के समय खातेदार पशुपालकों के लिए अपनी जमीन छोड़ देंगे. मगर मेले के दौरान ही खातेदारो ने तारबंदी कर दी, वहीं खातेदार पशुपालकों से किराया वसूल करने लग गए थे. इसके बाद खातेदारों ने तारबंदी भी कर दी है. इससे पशुपालकों को काफी समस्याएं होने लगी हैं लेकिन नए स्थान पर पशु हाट शुरू होने से आगामी सालों में यहां पशुपालकों को उनसे संबंधित सुविधाएं अवश्य मिलेंगी.
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उन्होंने बताया कि पशु हाट में मारवाड़ी काठियावाड़ी सहित कई नस्ल के अश्व आए हैं. जिनकी कीमत एक लाख से 15 लाख रुपए तक है. वहीं गुजरात, हरियाणा, पंजाब के कई अश्व हैं जिनकी कीमत 15 लाख रुपये से भी अधिक है. पशु हाट में अश्वों की खरीद-फरोख्त शुरू हो चुकी है. वहीं अश्व पालकों का भी आना जारी है.
घोड़ों से हो रही पुलिस गश्त
पुष्कर पशु हाट के नए स्थल पर मिट्टी के दडे़ हैं. जहां वाहन नहीं जा पाते हैं. इसलिए अजमेर पुलिस ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मद्देनजर अस्थाई पुष्कर दड़ा थाना खोला है. अजमेर के ग्रामीण एएसपी किशन सिंह भाटी ने बताया कि पुष्कर पशु हाट स्थल पर जहां वाहन जा सकते हैं, वहां वाहनों के जरिए व्यक्त की जाती है. जहां वाहन नहीं जा पाते वहां घोड़ों पर पुलिसकर्मी बैठकर गश्त कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अजमेर पुलिस के घोड़ों की भी यहां प्रदर्शनी लगाई गई है. घोड़ों से गश्त भी हो रही है और उनका उपयोग प्रदर्शनी में भी किया जा रहा है.
पुष्कर पशु हाट में व्यवस्थाओं के दावे
पुष्कर एसडीएम सुखराम पिंडेल ने बताया कि पुष्कर हाट स्थल नया है. यहां पशुपालकों के लिए पानी की खेलियां बनवाई गई है. वहीं लाइट की भी व्यवस्था की जा रही है. पशुपालकों की कोरोना से बंधी दस्तावेजों की जांच की जा रही है. इसके अलावा जिन पशुपालकों ने कोरोना टीके नहीं लगवाए हैं, उनकी टीके की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा आरटीपीसीआर जांच की भी व्यवस्था है.
पुष्कर में 3 नाके भी बनाए गए हैं. पशुपालकों के लिए अस्थाई पशु चिकित्सा शिविर भी लगे हैं. इधर पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार पशु हाट में आने वाले पशुपालकों की सुविधा के लिए अस्थाई पशु चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं जहां पशुओं की चिकित्सा संबंधी सभी व्यवस्थाएं की गई हैं.
पुष्कर हाट में देशी विदेशी पर्यटकों की आवक कम होने से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे उतरे हुए हैं. हालांकि राज्य सरकार ने शादियों में मेहमानों की संख्या को अनलॉक किया है. इस कारण अब पुष्कर में भी मांग उठने लगी है कि पुष्कर पशु हाट की जगह अब अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला की अनुमति राज्य सरकार दे.