अजमेर. गुर्जर आरक्षण समिति के सुप्रीमो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Colonel Kirori Singh Bainsla) के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम से पहले पुष्कर के मेला ग्राउंड में एमबीसी समाज की सभा हुई. सभा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय सिंह बैंसला को मंच पर समाज के सामने साफा पहनाकर विरासत सौंपी गई. वहीं गुर्जर आंदोलन में मारे गए 70 लोगों के परिजनों का मंच पर सम्मान भी किया गया. कार्यक्रम में सचिन पायलट के पक्ष में भी जमकर नारे लगाए गए. नारे लगाने वाले समर्थकों का आरोप था कि मंच से राजनीति हो रही है.
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के जन्मदिन के अवसर पर उनकी अस्थियों का विसर्जन सोमवार को होने जा रहा है. इससे पहले पुष्कर के मेला ग्राउंड में गुर्जर सभा का आयोजन हुआ. हजारों की संख्या में गुर्जर समाज के लोग सभा में मौजूद रहे. प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों से गुर्जर समाज के लोग कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए पुष्कर पहुंचे. इनके अलावा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, राजेंद्र सिंह राठौड़, अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी, राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी, राजस्थान सरकार में पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत, राजस्थान पर्यटन विकास बोर्ड के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह राठौड़ सहित कई राजनीतिक दलों के नेता कार्यक्रम में मौजूद रहे.
कर्नल बैंसला का अस्थि विसर्जन कार्यक्रम कार्यक्रम में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने गुर्जर आंदोलन के दौरान (Bainsla bone immersion in Pushkar) हुए संघर्ष और कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के मार्गदर्शन और उनके जीवन आदर्शों पर प्रकाश डाला. उपस्थित समाज के लोगों ने 2 मिनट का मौन धारण कर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को श्रद्धांजलि अर्पित की. सभा के बीच गुर्जर आंदोलन के दौरान मारे गए 70 लोगों के परिजनों को मंच पर सम्मानित भी किया गया.
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विजय बैंसला को पहनाया गया साफा :गुर्जर आंदोलन में कर्नल बैंसला के पीछे गुर्जर समाज था. कर्नल बैंसला के निधन के बाद गुर्जर समाज का एक बड़ा तबका विजय बैंसला के समर्थन में आ गया. पिता के निधन के बाद बड़े पुत्र को विरासत सौंपी गई और हजारों गुर्जर समाज के लोगों की मौजूदगी में उन्हें साफा पहनाया गया. सामाजिक कार्यक्रम में सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. जिसमें आगामी चुनाव में गुर्जर समाज को 37 विधानसभा सीटों से प्रतिनिधित्व देने की मांग भी मंच से उठी.
कार्यक्रम में हो रही है राजनीति :मंच पर विजय बैंसला को जब साफा पहनाया जा रहा था (Gurjar Samaj Program in Pushkar) तब वहां मौजूद लोगों ने सचिन पायलट के नारे लगाना शुरू कर दिया. इस बीच कुछ लोगों ने उन्हें पायलट के नारे लगाने से रोका तो मामला बिगड़ गया. काफी मशक्कत कर पुलिस ने उन्हें रोका. पुलिस और पायलट समर्थकों के बीच कई बार गहमागहमी का माहौल भी रहा. पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है. पायलट समर्थको का आरोप है कि मंच से केवल सियासत हो रही है. विजय बैंसला का राजनैतिक कद बढ़ाने को लेकर सचिन पायलट के नारे लगाने से रोका जा रहा है.
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इन्होंने यह कहा :पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान मंत्रिमंडल समिति के सदस्य (Bainsla bone immersion in Pushkar) होने के नाते कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मिलने का उन्हें कई बार अवसर मिला. कर्नल बैंसला से उनके व्यक्तिगत संबंध थे. बैंसला के अस्थियों को पुष्कर के पवित्र सरोवर में प्रवाहित किया जाएगा. यह कार्यक्रम कर्नल बैंसला को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए रखा गया है. इसमें सभी समाज और दलों के लोग मौजूद हैं.
सचिन पायलट की अनुपस्थिति को लेकर किए गए सवाल पर राठौड़ ने कहा कि यह राजनीतिक मंच नहीं है. यह सामाजिक मंच है. सामाजिक होने के नाते मैं कार्यक्रम में शिरकत करने आया हूं. कार्यक्रम में कौन आता है कौन नहीं आता है, इसको लेकर कुछ नहीं कहूंगा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Poonia in Bainsla bone immersion Program) ने कहा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सामाजिक उत्थान और सामाजिक चेतना के लिए कार्य किया. अनल बैंसला ने समाज में कुरीतियों को समाप्त करने और एक दूसरे का सहारा बन कर आगे बढ़ने का संदेश दिया.
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उन्होंने कहा कि गुर्जर मेहनती और खेतीहर कौम हैं. कर्नल बैंसला के सामाजिक चेतना का ही परिणाम रहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग में विशेष स्थान गुर्जर समाज को मिला. कर्नल बैंसला ने जिस तरह से सेना में लंबे समय तक सेवाएं दी उसी तरीके से समाज में भी अलख जगाने का काम किया. विराट सामाजिक पुरुष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों का आज विसर्जन होगा और हम उसके साक्षी बनेंगे. सचिन पायलट के कार्यक्रम में नहीं आने को लेकर किए गए सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि सामाजिक तरीके से जिन लोगों को जैसी सुविधा होती है वैसे ही लोग आते हैं. मैं किसी की उपस्थिति और अनुपस्थिति पर टिप्पणी नहीं करूंगा. रामदेवरा पदयात्रा अकेले करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह भी करनी है. यह यात्रा मेरे अकेले की थी. यह सियासत से परे मेरी आस्था की यात्रा थी. कार्यक्रम में उनके अलावा पूर्व राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी समेत कई नेता मौजूद रहे.