अजमेर. अयोध्या में श्री राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष संत गोविंद गिरी ने कहा कि मंदिर निर्माण (Ram Mandir) कार्य पूर्ण होने में 5 से 7 वर्ष का समय लगेगा. लेकिन रामलला वर्ष 2024 के जनवरी माह में नौतन गर्भ ग्रह में स्थापित होंगे. उस समय से ही राम लला के दर्शन की व्यवस्था भी भक्तों के लिए उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि तब तक पहले माले का काम भी पूर्ण हो जाएगा. संत गोविंद गिरी आयोजित भागवत कथा के लिए पुष्कर में प्रवास कर रहे हैं.
संत गोविंद गिरी ने श्री रामलला मंदिर के निर्माण कार्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि श्री राम मंदिर में लगाए जा रहे पत्थरों को स्थापित करने के उपरांत ही नक्काशी का कार्य होता है, लिहाजा इस कार्य में समय लगता है, कार्य की गुणवत्ता के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है, इसके लिए समय लगता है तो हम समय देंगे. उन्होंने कहा कि साल 2024 के पहले माह तक रामलला गर्भ ग्रह में स्थापित हो जाएंगे और बाहर का कार्य चलता रहेगा, मंदिर के निर्माण कार्य के साथ ही भक्त राम लला के दर्शन कर पाएंगे.
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नेता चुनाव को देखते हुए कार्य करते है: उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के आधार स्तंभ रहे हैं, वहीं तो राष्ट्र के आधार स्तंभ है. यह कोई धार्मिक और सांप्रदायिक बात नहीं है यह राष्ट्रीय के मूल मान बिंदुओं के पुनर्निर्माण और उनको उनकी गरिमा के अनुरूप स्थापित करने का यह अभियान है, जो अत्यंत अभिनंदनीय है. इसको इसी दृष्टि से देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई तरह की मानसिकताएं काम कर रही है जो देश बटता और टूटता देखना चाहती है.
जहां तक हिंदू और बौद्ध की बात है तो अंबेडकर की एक बात याद रहनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अंबेडकर महामानव थे, यद्यपि में हिंदू धर्म से अलग होते हुए दिख रहा हूं. लेकिन ध्यान में यह रहना चाहिए कि मैं राष्ट्र के अंतर्गत ही उद्धार का एक पग उठा रहा हूं, इसलिए ऐसी बातों को सुन और देखकर हमें विचलित नहीं होना चाहिए. राजनीतिक पार्टियों के लोग भीड़ जमा करके कुछ न कुछ कहते और करते रहते हैं. उनकी बातों में हमें ज्यादा नहीं लेना चाहिए. हमें अपना कार्य ठोस तरीके से करना चाहिए. राजनीतिक पार्टियों के नेता जो भी करते हैं वह चुनाव को ध्यान में रखते हुए करते हैं. हम लोगों को अगली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए कार्य की रचना करनी चाहिए.
पुष्कराज का भी निकट भविष्य में होगा नूतनिकरण: उन्होंने कहा कि देश जिस दिशा और गति से आगे बढ़ रहा है. उससे मैं निश्चित रूप से यह अनुमान लगा रहा हूं कि निकट भविष्य में भगवान पुष्करराज का भी नूतनीकरण होगा, जिस प्रकार काशी विश्वनाथ और महाकालेश्वर का हुआ है. संत गोविंद गिरी ने कहा कि जगत पिता ब्रम्हा का एकमात्र मंदिर है, यह संपूर्ण भारतवर्ष के लिए पूजा का स्थान है. इसलिए यहां का विकास अग्रतम से होना चाहिए, यह मेरी धारणा है. पुष्कर राज के नूतनीकरण की कार्य योजना अवश्य होगी. समय आने पर इसका कार्य भी शुरू होगा.