अजमेर. कोरोना वायरस के संक्रमण के आगे बाजार ने घुटने टेक दिए हैं. अर्थव्यवस्था माइनस में चल रही है. ऐसे में छोटे व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. जहां एक तरफ मध्यम वर्ग के ऊपर आर्थिक भार और कर्जा बढ़ा है वैसे ही बाजार भी प्रभावित हुआ है. अजमेर शहर के छोटे दुकानदार जो मॉल में दुकान किराए पर लेकर व्यापार करते थे अब उनको फुटपाथ पर दुकान लगाकर सामान बेचने की नौबत आ गई है.
किसी समय लाखों रुपए की पगड़ी देकर शोरूम और शॉपिंग मॉल्स में हजारों रुपए महीने के किराए पर दुकान लेने की होड़ करने वाले कारोबारी अब पेट पालने के लिए सड़क के किनारे दुकान लगाने को मजबूर हो गए हैं. कोरोना के बाद लगे लॉकडाउन में बाजार पूरी तरह से बंद हो गए. करोड़ों की संख्या में लोगों का पलायन हुआ. करोड़ों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा, जिसका नतीजा ये हुआ कि लोग बाजार में सामान कम खरीद रहे हैं. जिसका सीधा असर अजमेर जैसे शहर के मध्यम वर्ग वाले व्यापारियों को हुआ है.
मॉल वाली गिफ्ट आइटम की दुकान सड़क के किनारे पहुंची
शक्ति सिंह की कोरोना से पहले अजमेर के सीएसएम मॉल के बाहर गिफ्ट आइटम की दुकान थी. जहां वो 30 हजार रुपए महीने की भारी भरकम रकम किराए के रूप में देकर अपना व्यवसाय चला रहे थे. लेकिन जैसे ही कोरोना के बाद देशव्यापी लॉकडाउन लगा. सब कुछ बंद हो गया. अनलॉक में धीरे-धीरे सरकार ने बाजार को छूट देनी शुरू की. लेकिन कोरोना से पहले वाले हालात में बाजार वापस पटरी पर नहीं लौटा.
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अनलॉक में लोग घरों से निकलने में कतराने लगे और जो निकल भी रहे थे वो आर्थिक हालात माकूल नहीं होने के चलते अपनी खरीददारी को सीमित कर लिया. शक्ति सिंह ने बताया कि अनलॉक में दुकानें खुलने के बाद भी मॉल्स में लोग नहीं आ रहे हैं, जिसके चलते मुनाफा तो दूर दुकान का किराया तक जेब से भरना पड़ रहा था. इसलिए उनको मजबूर होकर अपनी गिफ्ट आइटम और टेडी बीयर की शॉप को सड़क किनारे लगाना पड़ा. शक्ति सिंह ने जयपुर रोड पर अस्थाई दुकान लगा रखी है, यहां वो हर रोज अपनी कार में सामान भरकर लाते हैं और शाम को वापस ले जाते हैं.