उदयपुर. जिले में अब उप तहसील स्तर पर ही भू-अभिलेख से संबंधित सभी कार्य हो जाएंगे. इसके लिए अब ग्रामीणों और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को तहसील कार्यालय तक नहीं जाना पडे़गा. डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के अन्तर्गत उदयपुर प्रदेश का प्रथम जिला बन गया है, जिसकी समस्त उपतहसीलों को राजस्थान अपना खाता (ई-धरती) ऑनलाइन पोर्टल पर पृथक से उप-तहसील लॉगिन दिया गया है. उपतहसील क्षेत्र कुराबड़, बारापाल, सनवाड़, सायरा, फलासिया, गीगला, झल्लारा, जयसमन्द, नयांगाव, और मेरपुर में आने वाले समस्त राजस्व गांवों के जमाबंदी प्रतिलिपि, नक्शा प्रतिलिपि, नामान्तरण सहित भू-अभिलेख से संबंधित समस्त कार्य अब उपतहसील अपना खाता केन्द्र पर हो जाएंगे.
बचेगा समय और धन
एनआईसी उदयपुर के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक जितेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा के विशेष प्रयासों से उपतहसील रिसोर्स व्यक्ति की आईडी ई-धरती पोर्टल पर एक्टिवेट की जा चुकी है. उपतहसील स्तर पर अपना खाता (ई-धरती) ऑनलाइन पोर्टल सक्रिय होने से अब भू-अभिलेख से संबंधित कार्यों के लिए तहसील नहीं जाना पडे़गा. उदाहरण के लिए सायरा उपतहसील के नामांतरण संबंधित कार्य के लिए पटवारी को पहले गोगुन्दा तहसील जाना पड़ता था, लेकिन अब सायरा उपतहसील कार्यालय से ही यह कार्य हो जाए, इससे ऑनलाइन म्यूटेशन के कार्य में प्रगति आएगी. पटवारियों का समय और ऊर्जा भी बचेगी तथा आमजन को बड़ी राहत मिलेगी.
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