श्रीगंगानगर.कुपोषण में कमी लाने, नवजात बच्चों और माताओं की मृत्यु दर घटाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से साल भर पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का असर अब श्रीगंगानगर जिले में नजर आने लगा है. योजना के तहत प्रथम बार गर्भवती महिला को बाल विकास विभाग द्वारा प्रसव से पहले 5 हजार रुपए की राशि तीन किस्तों में दी जाती है. ताकि महिला गर्भावस्था के दौरान अच्छा खानपान कर सकें और जन्म लेने वाला नवजात कुपोषण का शिकार ना हो.
प्रधानमंत्री मातृत्व योजना से श्रीगंगानगर में मिल रहा गर्भवती महिलाओं को लाभ...ये हैं मुख्य उद्देश्य
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत श्रीगंगानगर जिले के 9 ब्लॉक में अब तक 28602 गर्भवती महिलाओं को लाभ मिला है. जिसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग ने 11 करोड़ 13 लाख 95 हजार की राशि गर्भवती महिलाओं को वितरण की है.
मातृत्व योजना से मिलेगा कुपोषण से छुटकारा
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सम्पूर्ण आहार नहीं मिलने से प्रसव के दौरान देशभर में हर साल जन्म के समय नवजात व प्रसूताओं की बड़ी संख्या में होने वाली मृत्यु व कुपोषण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की गई थी. बाल विकास विभाग श्रीगंगानगर प्रभारी शक्ति सिंह की मानें तो योजना के तहत गर्भवती महिला को तीन किस्ते दी जाती है. जिसके तहत पहली किस्त में 1000, दूसरी तीसरी किस्त दो-दो हजार रुपए जमा करवाए जाते हैं. सभी किस्तों के निर्धारण के लिए गाइडलाइन तय की गई है. जिसके तहत प्रसव पूर्व जांच या बच्चे का जन्म हो जाना चाहिए.
जागरूक और सही आहार मिलें इसके लिए 5 हजार रुपए की राशि
उसके बाद प्रमाणित होने पर प्रसूता के मेडिकल कार्ड को प्रमाणित करके लाभार्थी प्रसूता के खाते में सीधा रुपया जमा करवा दिया जाता है. केंद्र सरकार द्वारा प्रसूता को 5000 रुपए की राशि देने के पीछे मुख्य मकसद यह है कि जो महिलाएं प्रथम बार गर्भवती है. उनको जागरूक व सही आहार मिलें. ताकी प्रसूता स्वस्थ बच्चे को जन्म दे. प्रभारी शक्ति सिंह ने बताया कि योजना का उद्देश्य गर्भवती माताओं व उनके परिजनों को यह संदेश देना है कि प्रसूता स्वस्थ रहेगी, तभी स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया जाएगा.