जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग (Self-governance unit) ने निलंबन के बाद महापौर और तीन पार्षदों को दोबारा नोटिस (notice) भेजा है. न्यायिक जांच (judicial investigation) की तरफ बढ़ने से पहले उनसे 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है. इसके बाद दोष के आधार पर आरोप पत्र (charge sheet) न्यायिक अधिकारी को भेजा जाएगा. हालांकि, सामान्य तौर पर निलंबन से पहले स्पष्टीकरण लिया जाता है. इस मामले में ये प्रक्रिया बाद में अपनाई जा रही है.
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आयुक्त के साथ कथित हाथापाई के मामले में प्रशासनिक जांच के बाद अब न्यायिक जांच होनी है. ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबित महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर, निलंबित पार्षद पारस जैन, शंकर शर्मा और अजय सिंह को नोटिस भेजकर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है. इससे पहले हुई प्रारंभिक जांच में जांचकर्ता ने 17 पेज की रिपोर्ट तैयार की, जिसमें सौम्या गुर्जर और उनके ओएसडी मनमोहन सिंह ने बयान दिया था कि पार्षदों ने आयुक्त का रास्ता रोका था.
वहीं, आयुक्त के होमगार्ड राम सिंह ने मारपीट होने का दावा किया. प्रारंभिक जांच में कई अधिकारी-कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए गए हैं. इसके आधार पर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को निलंबित किया गया है.
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