विदिशा। गुलाबगंज तहसील में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां इलाज के अभाव में 2 साल के मासूम को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, बच्चे की मौत पर स्थानीय नागरिकों ने अस्पताल के स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया है और आरोप लगाया है कि जब बच्चे के माता-पिता अस्पताल में बच्चे का इलाज कराने पहुंचे तो अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर मिला, न ही अस्पताल का कोई स्टाफ. इतना ही नहीं अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद उसके शव को भी माता-पिता को पैदल ही ले जाना पड़ा.
जिले के गुलाबगंज निवासी बट्टू लाल मजदूरी करता है और जब उसके बच्चे की अचानक तबियत खराब हुई तो वो उसे उपचार के लिए प्रथामिक स्वास्थ केंद्र ले गया, जहां कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं मिले, जहां इलाज के अभाव में बच्चे ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया.