विदिशा। जिले में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और इनसे होने वाली मौतों का ग्राफ भी बढ़ रहा है. आलम यह है कि अब श्मशान घाट में भी शवों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ने लगी हैं. वहीं संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार करने का बेड़ा शहर के चार युवाओं ने उठाया है. श्मशान घाट में जगह कम पड़ने लगी तो युवाओं ने अस्थाई घाट बनाया, जिसका नाम उन्होंने भोर शमशान घाट रखा. चारों युवा अब तक 170 शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं. इनमें से 10 मृतकों के परिजन अस्थियां लेने नहीं आए हैं. ऐसे में युवाओं ने इन अस्थियों को खुद विसर्जित करने का मन बना लिया है.
एक समय था जब लोग अपने परिजनों की अस्थियां खुद विसर्जित करते थे, लेकिन कोरोना काल में लोग इतने डरे हुए हैं कि वह अस्थियां भी नहीं लेने पहुंच रहे हैं. ऐसे हालातों में यह चारों युवा अब प्रयागराज में जाकर अस्थियां विसर्जन करने की तैयारी कर रहे हैं. नायब तहसीलदार प्रमोद उइके ने बताया है कि भोर घाट पर कोरोना से मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. कोरोना के डर से परिजन अस्थियां भी लेने नहीं आते हैं. ऐसे में सामाजिक संगठन के युवा अस्थियों को इलाहाबाद में विसर्जन करने के लिए आगे आएं और अपना योगदान दे रहे हैं.
पिछले एक महीने से इस घाट पर हो रहा अंतिम संस्कार