विदिशा। हर जगह से मजदूरों के लौटने की अलग-अलग तस्वीरें नजर आ रही हैं. विदिशा में 12 से अधिक मजदूर फंसे हुए थे, जब कोई वाहन नहीं मिला तो मजदूरों का एक जत्था अपने गृह ग्राम पैदल ही चल पड़ा. यह वो मजदूर हैं जो गांवों से मजदूरी करने बड़ी संख्या में शहर आते हैं. ऐसे में विदिशा का रहने वाला साहनी परिवार ऐसे मजदूरों की सहयता करने में जुटा हुआ है.
गांव पैदल लौटता दिहाड़ी मजदूरों का जत्था, साहनी परिवार कर रहा मदद
लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है. शहरों में पेट पालने वाले लोग अपने गांव पैदल ही लौटने को मजबूर हैं.
मोहन लाल विश्वकर्मा भी उन्ही मजदूरों में से एक हैं. मोहन लाल पन्ना जिले का रहने वाला है और सूरत में नौकरी करता था. अचानक से देश में लॉकडाउन होने के बाद मोहन लाल सूरत में फंस गया. सूरत से कभी ट्रक के सहारे तो कभी लिफ्ट के सहारे विदिशा पहुंचा, जब यहां से कोई वाहन नहीं मिला तो मोहन लाल अपने मजदूर साथियों के सांथ पैदल चल पड़ा. मोहन लाल को आगे उम्मीद है किसी न किसी सहारे से अपने गृह ग्राम पहुंच जाएगा. कई परेशानियों के बाद विदिशा सांची रोड पर राहत देने वाली तस्वीरें भी सामने आई हैं. यहां साहनी परिवार ने पुलिस वालों की मदद से अपने शहर लौट रहे मजदूरों को रोककर पानी और भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए. साथ ही पुलिस वालों से एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी.