उमरिया। वन मंडल के डीएफओ आरएस सिकरवार को उनकी सेवानिवृत्ति के 9 दिन पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है, वहीं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर देवांशु शेखर को भी मध्यप्रदेश शासन ने निलंबित कर दिया है, उमरिया जिले में पदस्थ दो डीएफओ को मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक साथ सस्पेंड करने की कार्रवाई विभाग में चर्चा में है.
- दोनों डीएफओ का सस्पेंशन ऑर्डर जारी
मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग के सचिव एचएस मोहंता ने दोनों डीएफओ का सस्पेंशन ऑर्डर जारी किया है. इसके बाद भी डीएफओ आरएस सिकरवार मंगलवार की सुबह ऑफिस पहुंच गए और बहुत सी फाइलें वहां से लेकर अपने बंगले चले गए, विभाग में चर्चा है, इनमें से कई फाइल तो बेहद महत्वपूर्ण हैं, और वे इसमें पिछली तारीखों पर कुछ भी कर सकते हैं.
- 4 करोड़ 72 लाख का घोटाला उजागर
सामान्य वन मंडल उमरिया के डीएफओ आर एस सिकरवार पर तेंदूपत्ता मद की राशि में अनियमितता बरतने का गंभीर आरोप था, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन उमरिया में हुई गंभीर वित्तीय अनियमितता को लेकर आर एस सिकरवार को सस्पेंड किया गया है, इस बारे में बताया गया है कि आरएस सिकरवार ने न सिर्फ चार करोड़ 72 लाख रुपये का घोटाल किया है, बल्कि इस मामले में वन विभाग के एक मृत कर्मचारी पर भी यह पूरा मामला मढ़ने की कोशिश की गई है.
भारतीय वन सेवा 1999 के वन संरक्षक तथा प्रबंध संचालक आर एस सिकरवार को गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के लिए दोषी माना गया है, सस्पेंशन पत्र में इनका मुख्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख कार्यालय भोपाल नियत किया गया है, इसी तरह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर देवांशु शेखर को भी मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग के सचिव एसएस मोहंता ने निलंबित कर दिया है, देवांशु शेखर भारतीय वन सेवा 2011 के अधिकारी हैं, और इन पर भी जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन उत्तर वन मंडल शहडोल में पदस्थापना के दौरान वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं.
- बिना अनुमाति खरीदी जमीन
डीएफओ आरएस सिकरवार ने उमरिया जिले में बिना विभाग की अनुमति के तीन जमीनें खरीदी हैं, हालांकि यह तीनों जमीन एक ही स्थान पर है, लेकिन इन तीनों जमीनों के अलग-अलग कागज तैयार हुए हैं, यह जमीन हल्क रहठा के ग्राम मोहनी में खरीदी गई है, इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार खसरा नंबर 444/1, 444/2 और 444/3 में खरीदी गई है, खसरा नंबर 444/1 में कुल रकबा 0.7660 हेक्टेयर, खसरा नंबर 444/2 और खसरा नंबर 444/3 में भी रकबा 0.7660 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई है.
- जमीन पर लगे हैं 100 से ज्यादा सागौन के पेड़
यह जमीन मोहनी निवासी धूपपाल महरा पिता मदानी महरा से खरीदी गई है, इस पूरी जमीन पर दो सौ से ज्यादा सागौन के पेड़ होने की जानकारी मिली है, जबकि रजिस्ट्री में महज 28 पेड़ दर्शाए गए हैं, गलत जानकारी दे कर रायल्टी राशि बचाई गई है, जबकि एक वन अधिकारी होने के नाते इन पर जिम्मेदारी होती है कि जमीन की इस तरह की खरीद फरोख्त में कोई गलत जानकारी देकर रायल्टी राशि की चोरी न कर सके इतना ही नहीं इस जमीन को खरीदने के लिए आरएस सिकरवार ने विभाग से किसी भी तरह की कोई अनुमति नहीं ली, जमीन की इस खरीदी को लेकर वन विभाग में चर्चा है कि यहां तेंदूपत्ता घोटाले की राशि खर्च की गई है।
- दो महीने में भोपाल के बीस चक्कर