उमरिया। किसान यूरिया के लिए गांव से लेकर शहर तक दर-बदतर भटक रहे हैं. गांव की सोसायटी में सेल्समैन स्टॉक खत्म बता रहे हैं. बाजार में दोगुने तीनगुना दाम पर मिल रहा है. जिला मुख्यालय का डबल लॉक ही सहारा था. लिहाजा यहां रैक आते ही हजारों की संख्या में किसान उमड़ रहे हैं. किसान कोरोना संक्रमण के बीच जान जोखिम में डालकर दिनभर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. शाम को मायूस होकर दो बोरी ही हाथ लग पा रहा है.
दूसरी ओर कृषि विभाग व सहकारिता का कहना है, कहीं भी यूरिया की किल्लत नहीं है. उमरिया जिले में तकरीबन ढाई लाख से अधिक किसान हैं. इस बार 1950 हजार हेक्टेयर में खरीफ की फसल लगाई गई है, इसमें धान 5910 हे. में है. रकबे के आधार पर कृषि विभाग ने 2900 मी. टन यूरिया का लक्ष्य रखा था. जुलाई माह तक सोसायटी के माध्यम से 1441 एमटी वितरण हुआ. दो दिन पूर्व डेढ़ सौ एमटी की रैक आई, वह भी सीमित जगह पहुंच पाई.
कृषि विभाग का कहना है ऊपर से ही परिवहन बंद था. दूसरी ओर किसानों का कहना है कि महीनेभर हो चुके हैं, महज किश्तों में सोसायटी को खाद भेजी जा रही है. ज्यादातर माल निजी व्यवसायियों के यहां खाली हो रहा है. इसकी जांच परख करने वाला कोई नहीं है. बस बड़े व्यापारियों के इशारे में कृत्रिम किल्लत दर्शाकर किसानों को परेशान किया जा रहा है. सोसायटी की 266 वाली यूरिया बोरी बाजार में 400 से अधिक दाम पर बिक रही है.