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अधिकारियों ने नहीं दी अस्पताल जाने की अनुमति, रास्ते में हुई बुजुर्ग की मौत

अस्पताल जाने की अनुमति नहीं मिलने से कोरिया के घुटरी टोला बैरियर के पास बीमार बुजुर्ग ने गाड़ी में ही दम तोड़ दिया. मृतक के बेटों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उनके पिता को अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई, जिस वजह से बुजुर्ग ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

man died due to irresponsiblity of officers
अधिकारियों की लापरवाही से मौत

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Published : May 13, 2020, 11:07 AM IST

कोरिया/ उमरिया। कोरिया टोले के घुटरी टोला बैरियर के पास जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक बीमार बुजुर्ग की मौत हो गई. समय रहते अस्पताल न पहुंच पाने के कारण बुजुर्ग ने कार में ही दम तोड़ दिया. जानकारी के मुताबिक राकेश और नीलेश मिश्रा नाम के दो भाई मंगलवार को अपने बीमार पिता केशव मिश्रा का इलाज कराने कार से उमरिया से बिलासपुर जा रहे थे. इनका आरोप है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर अधिकारियों ने उन्हें हॉस्पिटल ले जाने की अनुमति नहीं दी, जिससे उनके पिता ने कार में ही दम तोड़ दिया.

अधिकारियों की लापरवाही से मौत

जानकारी के मुताबिक बिलासपुर जा रहा परिवार बुजुर्ग की अचानक तबीयत खराब हो जाने की वजह से पास में मनेंद्रगढ़ के आमाखेरवा स्थित अस्पताल जाने के लिए निकला. दोनों भाई कार लेकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा स्थित घुटरी टोला बैरियर पहुंचे. जिसके बाद वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी और स्थानीय अधिकारी ने उन्हें वहां रोक लिया. छत्तीसगढ़ में एंट्री करने के लिए कोई अनुमति ना होने की वजह से उन्हें वहां रोका गया. दोनों भाई अधिकारी और पुलिसकर्मी से मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनके बीमार पिता को अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दी गई. जिसके बाद नतीजा ये हुआ कि कुछ देर में ही उनके बीमार पिता को हार्टअटैक आ गया और कार में ही उनकी मौत हो गई.

'अगर जाने देते तो बच जाती जान'

पिता की मौत के बाद दोनों भाई और सूचना मिलने पर पहुंचे उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. प्रशासन के इस असंवेदनशील रवैये को देखकर मृतक के परिजन हंगामा करने लगे. वहीं घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि अगर स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी थोड़ी सी भी मानवता का परिचय देकर बीमार को अस्पताल तक ले जाने की अनुमति दे देते, तो शायद जान बचाई जा सकती थी.

इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि यह आरोप निराधार है. उन्होंने जांच कर लिया है और मृत व्यक्ति के शव को शव वाहन से उसके गृहग्राम उमरिया भेज दिया है.

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