उज्जैन। वैसे तो बीते एक हफ्ते से बाबा महाकाल के दर्शनों के लिए रोज लाखों भक्त पहुंच रहे हैं. लेकिन नए साल में भक्तों की संख्या और ज्यादा होने का अनुमान लगाया जा रहा है. नए साल के पहले ही दिन बाबा के लाखों भक्त यहां पहुंचेंगे. ऐसे में श्रद्धालुओं को परेशानियों से बचाने के लिए महाकालेश्वर मंदिर समिति ने कुछ नए नियम बनाए गए हैं.
आम लोग कहां से करेंगे प्रवेश:दर्शनार्थियों को भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन सुलभ हो सकें इसके लिए सामान्य श्रद्धालुओं को चारधाम मन्दिर के पार्किंग स्थल से प्रवेश दिया जाएगा. शक्तिपथ त्रिवेणी संग्रहालय के पास से नन्दी द्वार, श्री महाकाल लोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेन्टर-1, टनल, नवीन टनल-1, गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कराये जायेंगे.दर्शन के बाद दर्शनार्थी आपातकालीन रास्ते से बाहर की ओर जाएंगे. यह बड़ा गणेश मन्दिर के पास होते हुए हरसिद्धि मन्दिर तिराहा, पुन: चारधाम मन्दिर पर पहुंचेंगे. चारधाम के प्रवेश के पास ही जूता स्टेण्ड बनाया गया है.
बुजुर्ग एवं दिव्यांगों के लिए व्यवस्था:बुजुर्ग एवं दिव्यांग दर्शनार्थियों के लिए अवन्तिका द्वार के एक नम्बर गेट से प्रवेश देकर उन्हें सुलभ दर्शन कराएं जाएंगे. महाकाल लोक पर प्रसाद काउंटर लगाने के साथ ही बड़े गणेशजी के आगे हरसिद्धि मन्दिर चौराहे तरफ प्रसाद काउंटर अधिक लगाएं जाएंगे. जहां-जहां पर पार्किंग व्यवस्था की जा रही है, वहां पर पार्किंग कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं.
वीआईपी एवं मीडिया का प्रवेश:नए साल पर वीआईपी ,वीवीआईपी और मीडिया की इंट्री बेगमबाग के वीआईपी गेट से रहेगी. वीआईपी गेट के पास ही बने पार्किंग पर अपने वाहन पार्क करेंगे. वहां से श्री महाकाल लोक कंट्रोल रूम, शंख द्वार, निर्माल्य द्वार से प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार होते हुए सभा मण्डप की छत से होते हुए नन्दी मण्डपम व गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकाल के दर्शन कर इसी मार्ग से बाहर की ओर निकलेंगे.वीआईपी श्रद्धालुओं के लिये मानसरोवर भवन में जूता स्टेण्ड होगा.
भक्तों की संख्या बढ़ने पर ये होगा प्रवेश मार्ग:बाबा महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने पर फेसिलिटी सेन्टर-1 से मन्दिर परिसर निर्गम रेम्प, गणेश मण्डपम एवं नवीन टनल दोनों ओर से श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था की जायेगी. श्रद्धालुओं को फेसिलिटी सेन्टर-1 से सीधे कार्तिकेय मण्डपम में प्रवेश कराकर दर्शन उपरान्त गेट नम्बर-10 या निर्माल्य द्वार के रास्ते बाहर की ओर प्रस्थान कराने की व्यवस्था की जायेगी.