उज्जैन। नागदा में मंडी टैक्स को लेकर प्रदेशव्यापी हड़ताल के तहत यहां के व्यापारियों ने भी अनिश्चितकालीन बंद को समर्थन दिया है. स्थानीय व्यापारी संघ ने ज्ञापन देकर व्यापारियों की समस्याओं से अवगत कराया. ज्ञापन की प्रतिलिपि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत तथा क्षेत्रीय विधायक दिलीप सिंह गुर्जर को भी सौंपी गई.
नागदा अनाज दलहन तिलहन व्यापारी संघ ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज मंडी प्रांगण से बाहर खरीदी करने पर मंडी शुल्क मुक्त किया, जबकि कृषि उपज मंडी में खरीदी करने पर टैक्स खत्म नहीं किया गया है. वर्तमान में 1.70 प्रतिशत मंडी शुल्क लगाया जा रहा है जबकि बाहर खरीदी करने वालों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता.
इसकी वजह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं स्थानीय व्यापारियों की खरीदी लागत में काफी अंतर आ रहा है. ऐसी स्थिति में बड़ी कंपनियों से व्यापारी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे और देश के बाजार पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का अधिकार हो जाएगा. इसी असमानता को दूर करने के लिए व्यापारी महासंघ ने बार-बार शासन से अनुरोध किया था इसके बावजूद मंडी टैक्स को खत्म नहीं किया गया तो मजबूरन व्यापारी हड़ताल पर हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने भी इस संदर्भ में कहा है कि मंडी समिति राज्य शासन के अधीन आती है इसलिए यहां पर स्थानीय सरकार मंडी शुल्क को खत्म करें. ज्ञापन में नवीन कृषि मंडी निर्माण में हो रही देरी को लेकर भी ध्यान आकर्षित किया गया. मंडी के पास पर्याप्त पैसा नहीं होने के कारण निर्माण में बांधा आ रही है.
शासन तुरंत फंड की व्यवस्था कर मंडी प्रशासन को उपलब्ध कराएं ताकि नवीन कृषि मंडी का निर्माण हो सके. वर्तमान कृषि मंडी शहर के मध्य होने के कारण किसानों को यातायात की बड़ी समस्या आती है और चक्का जाम की स्थिति बन जाती है. नागदा अनाज दलहन तिलहन व्यापारी एसोसिएशन के द्वारा अनिश्चितकालीन बंद आज दूसरे दिन भी जारी रहा.