उज्जैन। शहर में आरटीओ की तस्वीर देखकर हर कोई हैरान रह जाएगा, यहां लगी लाइन किसी राशन की दुकान जैसी दिखाई दे रही थी. करीब 100 से अधिक आवेदक सुबह 10 बजे से लाइन में लगे हैं और ये लाइन फर्स्ट फ्लोर से ग्राउंड फ्लोर तक पहुंच चुकी है, जिसके चलते यहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जबकि पिछले एक हफ्ते में कोरोना के चार पॉजिटिव मामले आरटीओ से ही निकले हैं.
RTO में ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर तक लगी लाइन, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हुआ पालन
उज्जैन आरटीओ कार्यालय में कोरोना संक्रमण के बाद भी लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है, कार्यालय में लाइसेंस बनवाने वालों की लंबी कतार लगी है जहां सोशल डिस्टेंसिंग का नामो निशान नहीं है और वहीं अधिकारी भी इसके लिए लोगों को समझाइश दे नजर नहीं आए.
उज्जैन आरटीओ पर लगी लाइसेंस बनाने वालों की भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और कोई भी अधिकारी इन्हें मना करने वाला नहीं है और जब आरटीओ कार्यालय के अधिकारी के पास जाकर हमने स्थिति को बताया तो आरटीओ संतोष मालवीय मानने को तैयार नहीं हुए, इसके बाद मीडिया के साथ जाकर उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का हाल देखा तो आरटीओ साहब बगले झांकने लगे और मीडिया को ही डिस्टेंसिंग की हिदायत देने लगे.
दरसअल, उज्जैन आरटीओ कार्यालय में एक हफ्ते में चार एजेंट कोरोनावायरस के शिकार हो चुके हैं, इसके बाद भी आरटीओ ने सबक नहीं लिया है. सुबह 10.30 से लाइन में लगे आवेदकों ने बताया कि आठ दिन पहले ऑनलाइन आवेदन किया था, आज उन्हें कार्यालय में बुलाया था, कामकाज छोड़कर आए हैं और करीब तीन घंटे के आस-पास का समय हो चुका है, लाइन में लगे हुए लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है, जब इस पूरे मामले की खबर एडीएम विदिशा मुखर्जी को लगी तो उन्होंने तत्काल इस पर कार्रवाई करने की बात कही है.