उज्जैन। मध्य प्रदेश में इन दिनों हालात बारिश के चलते बिगड़े हुए हैं. कुछ दिनों पहले तक जहां सावन के महीने में भी प्रदेश में सूखे के तरह हालात थे, वहीं अब आफत की बारिश ने सभी को परेशान कर दिया है. कई जिलों में हालात बद से बदतर हो रखे हैं. वहीं बात अगर महाकाल नगरी उज्जैन की तरह तो यह भी बारिश के कहर से अछूता नहीं है. भारी बारिश से उज्जैन में शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. बड़नगर में चामला नदी उफान पर होने के चलते 3 लोगों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. जिसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है.
हेलीकॉप्टर से गर्भवती महिला सहित 3 का रेस्क्यू: दरअसल, भारी बारिश से परेशान होकर उज्जैन प्रशासन को पुणे से हेलीकॉप्टर मंगवाना पड़ा. जिसके बाद तीन लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया. जिसमें एक गर्भवती महिला और दो लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू कर इंदौर पहुंचाया गया है. वहीं पूरे बड़नगर तहसील में 300 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा बड़नगर तहसील के पास डंगवाड़ा गांव में अभी भी 50 लोग फंसे हुए हैं. जिनका रेस्क्यू एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम कर रही है. वहीं उज्जैन जिले में कई गांव बाढ़ की चपेट में है. ग्रामीणों को महाकाल प्रबंधन समिति की ओर से भोजन की व्यवस्था की गई है.
ड्रोन से ली गई बारिश से तरबतर शहर के हालात की तस्वीर: वहीं ईटीवी भारत ने ड्रोन के जरिए उज्जैन में जलभराव और शिप्रा नदी के बढ़े हुए जलस्तर की तस्वीरें ली है. दूसरा वीडियो उज्जैन जिले से 50 किलोमीटर दूर बड़नगर तहसील का है. यहां चारों तरफ पानी ही दिख रहा है. उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम व निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह और महापौर मुकेश टटवाल लगातार उज्जैन के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने राहत शिविरों में भोजन वितरण की जानकारी ली. साथ ही रेस्क्यू की टीम से चर्चा कर लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात की. निरीक्षण के दौरान वार्ड क्रमांक 35 अंतर्गत शांति नगर एकता नगर जल भराव क्षेत्र का निरीक्षण भी किया.
नागदा में कुल 10 शिविर बनाए: उज्जैन जिले के नागदा में 5 शिविरों में लगभग 150 -200 लोगों को ठहराया गया है. वहीं 5 स्थाई शिविर अभी खाली हैं. सभी के भोजन की व्यवस्था नगर पालिका के माध्यम से की जा रही है. प्राप्त सूचना के अनुसार उन्हेल क्षेत्र के चंबल पाटलिया, चावड, राजोटा, पिपलोदा सगोती माता,
आरोलिया जस्सा गांव टापू में तब्दील हो गए हैं.