उज्जैन। मंदिरों की नगरी कहे जाने वाले उज्जैन के मनासा में एक दिन बाद डोल ग्यारस का पर्व मनाया जाता है. मंगलवार को ये पर्व यहां मनाया गया, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस दौरान मंदिरों से बेवाण निकले, जो बद्री विशाल के मंदिर पर इकट्ठा हुए. फिर वहां से राम तलाई की यात्रा शुरू की गई. नगर में जगह-जगह बेवाणों का स्वागत किया गया.
मनासा में एक दिन बाद मनाया जाता है डोल ग्यारस, लाखों की संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु
उज्जैन जिले के मनासा में डोल ग्यारस का पर्व एक दिन बाद मनाया जाता है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. भगवान की पूजा-अर्चना के बाद यहां मेले का भी आयोजन किया जाता है.
बेवाणों का जुलूस राम तलाई पहुंचा, जहां भगवान को स्नान करवाया गया. स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर आरती की गई. इसके बाद सभी बेवाण अपने-अपने मंदिर की ओर रवाना हो गए. भगवान की पूजा-अर्चना के बाद नगर परिषद द्वारा मेले का आयोजन किया गया, जहां पर हजारों लोगों ने पहुंचकर भगवान के दर्शन के साथ मेले का आनंद लिया.
जिला कलेक्टर अजय गंगवार और पुलिस अधीक्षक राकेश सागर ने लोगों से सभी त्योहार आपसी भाईचारे के साथ मनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ताजिया और डोल कहीं रास्ते में मिले, तो आपसी सामंजस्य बनाकर सद्भावना का परिचय दें.