सिंगरौली। नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां का तीसरा रूप राक्षसों का वध करने के लिए जाना जाता है. मान्यता है कि चंद्रघंटा मां अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं, इसीलिए उनके हाथों में तलवार, त्रिशूल, गदा और धनुष होता है.
मां चंद्र घंटा के रुप की अगर बात कि जाए तो दस भुजाओं वाली माता अलग-अलग हाथों मे शास्त्र धारण की रहती हैं. उनकी आराधना करने वाले का अहंकार नष्ट होता है. साथ ही शांति और वैभव की भी प्राप्ति होती है.
शास्त्री एमपी मिश्रा ने बताया कि मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करने सें भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए ओम की सभी बाधाएं नष्ट हो जाती हैं. मां चंद्र घंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है. इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है.