मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

NCL के अधिकारियों को किसानों ने खदेड़ा, 32 साल पहले किया था जमीन का अधिग्रहण

जिले में NCL द्वारा किसानों की भूमि विकास कार्यों के लिए 32 साल पहले अधिग्रहित की गई थी, जिसे नगर निगम परिषद ने खारिज कर दिया है. इसके बाद जैसे ही NCL के अधिकारी जमीन पर बोर्ड लगाने पहुंचे, तो किसानों ने नारेबाजी कर उन्हें भगा दिया.

भूमि अधिग्रहण विवाद

By

Published : Sep 24, 2019, 3:17 PM IST

सिंगरौली। जिले में भूमि अधिग्रहण विवाद बढ़ता जा रहा है. किसानों के बीच और NCL के बीच तनातनी का दौर जारी है. अधिग्रहित भूमि पर जैसे ही अधिकारी बोर्ड लगाने पहुंचे, तो उन्हें किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा. नारेबाजी करते हुए किसानों ने उन्हें उल्टे पैर लौटने को मजबूर कर दिया.

जिले में तत्कालीन विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने सन् 1984 में 230 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. जिसके बाद वह जमीन NCL को विकास के लिए लीज पर दे दी गई थी. 32 साल गुजर जाने के बाद जमीन खाली पड़ी है. जिसे लेकर किसानों में काफी नाराजगी है. किसानों ने इसे लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई है कि उन्हें जमीन वापस की जाए.

भूमि अधिग्रहण विवाद

किसानों की लगातार मांग के बाद नगर निगम परिषद ने भी प्रस्ताव पारित कर किसानों की जमीन वापस करने और एनसीएल के एग्रीमेंट को कैंसिल करने का फैसला दिया है. जिससे एनसीएल प्रबंधन में हड़कंप मच गया. नगर परिषद के फैसले के बाद एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा समेत डायरेक्टर और अधिकारी जमीन पर कंपनी का बोर्ड लगाने और सीएमडी ऑफिस निर्माण की प्लानिंग करने पहुंचे, जिसके बाद भारी संख्या में पहुंचे किसानों को नारेबाजी करते हुए बांउड्री के बाहर कर दिया.

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि नियम के अनुसार अधिग्रहित जमीन के 12 साल बीत जाने पर अगर विकास कार्य नहीं होता है, तो वह वापस होनी चाहिए. अगर जमीन वापस नहीं की जाती है, तो वह उग्र आंदोलन करेंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details