सीधी।विंध्य अंचल की सीधी लोकसभा सीट चुनावी समर में सूबे की हाईप्रोफाइल सीट बनकर उभरी है. सीधी में बीजेपी की वर्तमान सांसद रीति पाठक का मुकाबला कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह से है. सीधी संसदीय क्षेत्र के लोगों का मानना है कि इस बार दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा हो सकता है.
अजय सिंह और रीति पाठक में दिख रही कांटे की टक्कर, 'सीधी में टेढ़ी है दोनों प्रत्याशियों की राह'
सीधी लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी-कांग्रेस में मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीधी में बहुत समस्यायें है, इसलिए इस बार क्षेत्र को ऐसा सांसद मिले जो यहां की समस्यायों को दूर करने का काम करे.
लोगों का कहना है कि सीधी संसदीय क्षेत्र सड़क, बिजली, पानी और शिक्षा स्वास्थ्य जैसी सभी समस्यायों से घिरा हुआ है, जबकि क्षेत्र में लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. सांसद रीति पाठक के कामों से स्थानीय खुश लोग नजर नहीं आते हैं. सीधी में आए एक ग्रामीण बुजुर्ग कहते हैं कि पिछले कई सालों उनके गांव में सड़क नहीं है. अन्य मतदाता भी यही कहते नजर आते हैं कि सीधी संसदीय क्षेत्र की सड़कें आज भी 25 साल पुरानी ही नजर आती हैं.
विकास के मुद्दों के साथ-साथ सीधी में जातिगत राजनीति का बोलबाला भी माना जाता है. मतदाता कहते हैं कि यहां जातिगत राजनीति चरम सीमा पर होती है. जिससे क्षेत्र के विकास में बाधा आती है. यही वजह है सीधी की लड़ाई इस बार बीजेपी-कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों के लिए टेढ़ी ही नजर आती है. बीजेपी सांसद रीती पाठक अपने कामों और पीएम मोदी के नाम पर क्षेत्र में जनता के बीच पहुंच रही है, तो वहीं विधानसभा चुनाव में हार झेल चुके अजय सिंह भी इस बार यहां कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा की सीधी की जनता इस बार किसे मौका देती है.