सीधी। जिले में दिव्यांग पति-पत्नी लाठी के सहारे कलेक्टर के पास पहुंचे. इन दिव्यांगों को शासन की तरफ से गरीबों को दी जाने वाली कोई सुविधा नहीं मिल रही है. दिव्यांग पति-पत्नी को अनाज और अन्य पेंशन का लाभ भी नहीं मिल रहा है. वहीं इस मामले में विधायक इन्हें शासकीय योजनाओं के लाभ के लिए कागजी प्रमाण होना जरूरी बता रहे हैं.
दिव्यांग पति-पत्नी ने लगाई कलेक्टर से मदद की गुहार - Benefits of government schemes
सीधी जिले में दिव्यांग पति-पत्नी ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. दिव्यांग पति-पत्नी को किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है. गरीब होने के चलते उनके खाने के लाले पड़ गए हैं.
जिले के मझौली ब्लॉक के पांडा गांव से दिव्यांग दंपत्ति कलेक्टरेट पहुंचे. तरुण साहू ओर सुशीला साहू दिव्यांग होने की वजह से मजदूरी करने में असमर्थ है, जिसकी वजह से इनका पालन पोषण होना मुश्किल होता है. दिव्यांग तरुण साहू ने बताया कि इन्हें चार छह माह में सिर्फ 600 रुपये मिल जाते हैं. पत्नी भी देख नही सकती, इन्हें भी शासन की तरफ से कुछ नहीं मिलता. दिव्यांग पति-पत्नी ने बताया कि न इनके पास आवास है और ना ही शासन की तरफ से दिए जाने वाला राशन इन्हें मिलता है. दबंगों द्वारा जमीन पर कब्जा भी कर लिया है.
इस मामले में स्थानीय विधायक कुंवर सिंह टेकाम का कहना है कि यदि उनका मेडिकल प्रमाण पत्र बना होगा तो लाभ मिलना चाहिए, यदि नही बना है तो फिर राशन या अन्य पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. हालांकि उनका नाम पता लगाकर शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.