सीधी। आमिर खान की मशहूर फिल्म दंगल का डॉयलॉग 'बेटियां बेटों से कम हैं के' चुरहट की इन बेटियों पर सटीक बैठता है. क्योंकि ये बेटियां पांच एकड़ की खेती को अपने दम पर करती हैं. इसके अलावा वे पढ़ाई पर भी उतना ही ध्यान देती हैं. लेकिन इस बार इनकी मेहनत पर शायद पानी फिर सकता है क्योंकि खराब मानसून के चलते इनकी फसल सूखने के कगार पर है.
बेटियों ने संभाला किसानी का जिम्मा, लेकिन मौसम की मार के आगे हौसले हुए पस्त - farmers daughters
चुरहट थाना के सिमरिया इलाके में एक किसान की बेटियों ने खुद किसानी करने का जिम्मा उठाया है. लेकिन खराब मानसून के चलते उनके द्वारा बोई गई धान की फसल सूखने लगी है.
मामला चुरहट थाना के सिमरिया इलाके का है जहां एक किसान की बेटियां पिता के बाहर जाने पर खुद खेती करने में जुट जाती हैं. पिता मजदूरी के लिए दूसरे शहर चले जाते हैं. वहीं बेटियां शालिनी और रितु पांच एकड़ खेती में खुद फसल उगाने और काटने का काम करती हैं. पढ़ाई के साथ घर में मदद करने के लिये खेती की जिम्मेदारी संभालकर इन बेंटियों ने 'बेटियां किसी से कम नहीं होतीं' मुहावरे को चरितार्थ किया है.
शालिनी का कहना है कि दोनों बहनें खेती करती हैं और साथ-साथ स्कूल भी जाती हैं. वहीं इस बार मौसम ने धोखा दे दिया है, जहां कम बारिश की वजह से उनकी धान की फसल सूखने के कगार पर है. ऐसे में जिले भर के किसान मानसून के रुठने की वजह से परेशान हैं.
सरकार भले ही किसानों के तमाम योजनाएं लाती है, लेकिन किसानों को उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. जिले में ऐसे कई किसान हैं जिनके पास बैल और ट्रैक्टर नहीं हैं. इसके बावजूद भी कड़ी मेहनत कर खेतों में काम करते हैं और ऐसे ही में मौसम अगर धोखा दे जाए तो आखिर किसान कहां जाऐं.