शहडोल। एजोला किसानों के लिए प्रकृति का वरदान है, जिसके एक नहीं बल्कि कई लाभ हैं और एजोला की पैदावार में लागत भी नाम मात्र का ही आता है. पर ज्यादातर किसानों को इसके बारे में पता नहीं है, जिसके चलते इसके लाभ से वंचित रह जाते हैं, कृषि विभाग एजोला को किसानों तक पहुंचाने के लिए एनजीओ की भी मदद ले रहा है, ताकि किसान एजोला का उपयोग कर अधिक लाभ कमा सकें. जीरो बजट में उत्पादन किया जाने वाला एजोला बड़े ही काम का है, घर में या खेत-खलिहान में कहीं भी इसका उत्पादन बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है. दूसरा इसका उपयोग करना भी बड़ा आसान है. कई किसान तो इसका इस्तेमाल कर खूब फायदा कमा रहे हैं.
फसलों के लिए भी एजोला काफी फायदेमंद है, आप इसे खेतों में डाल सकते हैं. धान के खेत में सही समय पर सही तरीके से एजोला का इस्तेमाल किया जाये तो धान की पैदावार बढ़ जाती है. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि धान की रोपाई के बाद इसे खेतों में डाल सकते हैं, जिसमें पानी भरा रहता है तो ये आपके दूसरे जो वीड्स हैं, उनको नहीं उगने देगा, साथ में ये नाइट्रोजन फिक्सेशन का भी काम करता है, बाद में जब पानी सूख जाता है तो ये जैवांश की मात्रा भी बढ़ा देता है, जिसके चलते भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है, इस तरह से एजोला बहु उपयोगी और शून्य लागत वाला उत्पाद है. खासकर जब जैविक खेती की बात कर रहे हैं, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की बात कर रहे हैं, उसमें ये महत्वपूर्ण कारक है. आप ये समझिए की आपके शून्य बजट की खेती के लिए ये बहुत ही उपयोगी कारक है.
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क्या होता है एजोला
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि एजोला एक जलीय फर्न है, ये सेल्विनिएसी प्रजाति का होता है और ये बहुत सारे कामों में इसका उपयोग किया जाता है. धान की खेती के लिए ये ज्यादा फायदेमंद होता है, जबकि दुधारु पशुओं को भी इसे खिला सकते हैं, इससे पशु स्वस्थ भी रहेंगे, दूध भी गाढ़ा-पौष्टिक और अधिक मात्रा में देंगे. मछली पालन और मुर्गी पालन करने वाले किसान इसे मुर्गी-मछली को खिला सकते हैं, इससे उनका तेजी से विकास होता है.
एजोला के फायदे