आगर-मालवा। उज्जैन से झालावाड़ तक के जर्जर हाइवे और बड़े-बड़े गड्ढों को ग्राम निपानिया के कुछ युवा मिलकर भरने का काम कर रहे हैं. जिले में बारिश के बाद इस हाईवे की स्थिति ऐसी हो गई है, कि आये दिन राहगीर हादसों का शिकार हो रहे हैं. पूरे मार्ग पर हजारों की संख्या में बड़े- बड़े हो गड्ढे हो गए हैं, जब जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, तो गांव के युवाओं ने इन बड़े- बड़े गड्ढों को भरने की मुहिम शुरू कर दी.
युवाओं ने खुद संभाली जर्जर हो चुके हाईवे के गड्ढों को भरने की कमान, कर रहे श्रमदान - आगर-मालवा
आगर में बारिश के बाद हाईवे में बड़े- बड़े गड्ढे की वजह से लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं, सरकार ने जब इस जर्जर हो चुके हाईवे की सुध नहीं ली, तो युवाओं ने एक टीम बनाकर गड्ढों को भरने की मुहिम शुरू कर दी है.
बता दे कि उज्जैन-आगर-कोटा-झालावाड़ मार्ग स्टेट हाईवे से नेशनल हाईवे में तब्दील हो चुकी है. यातायात के दबाव को देखते हुए इस हाईवे को फोरलेन करने की प्रक्रिया कई सालों से जारी थी. डीपीआर तैयार हो चुका था, साथ ही जमीन के अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी थी. लेकिन काम शुरू होने से पहले ग्रीन बेल्ट का हवाला देकर इस रूट से फोरलेन की सौगात छीन ली गई. ऐसी स्थिति में टू लेन की यह सड़क बारिश के बाद काफी जर्जर हो गई. बड़े- बड़े गड्ढे होने के कारण प्रतिदिन सड़क हादसे हो रहे हैं, जिससे चिंतित युवाओं की एक टोली ने बिना किसी की मदद लिए स्वयं की मेहनत से सड़क के गड्ढे व साइड शोल्डर भरने का जिम्मा संभाल लिया.
युवाओं ने बताया कि किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने इस सड़क की दयनीय हालत की सुध नहीं ली. लोग इन गड्ढों से बचे और हादसों का शिकार न हो, इसके लिए उनके द्वारा इन गड्ढों को भरने का काम किया जा रहा है.