शहडोल। जिले के एक युवा ने समाजसेवा की एक अनूठी मिसाल कायम की है. जिन्होंने अपने बुलेट खरीदने के लिए जोड़े हुए पैसों से कल्याणपुर गांव में एक गौशाला का निर्माण करवाया है. जो बेसहारा जानवरों के लिए आश्रय बना हुआ है. इस गौशाला के संचालक गौरव राही उड़ीसा में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर हैं, लेकिन उनके द्वारा बनाई हुई युवाओं की टीम बेसहारा जानवरों के लिए फरिश्ता बनी हुई है.
बुलेट खरीदने के पैसे से बनाई गौशाला बुलेट के पैसे से शुरु की गौशाला
गौरव राही ने बताया कि कुछ साल पहले जब वो नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे थे.उस दौरान उन्होंने बुलेट खरीदने के लिए पैसे जोड़कर रखे थे लेकिन उन्हें लगा कि उनके इस सामाजिक काम में गौशाला की ज्यादा जरूरत है. फिर क्या, उन्होंने इन पैसों से कुछ समाजसेवी, सहयोगी और उनके युवा टीम के सहयोग से कामधेनु गौसेवा संस्थान के नाम से एक गौशाला बना डाली.
24 घंटे बजती है रामधुन
इस गौशाला में एक और खास बात है कि इस गौशाला में 24 घंटे रामधुन बजती रहती है. इस संस्थान में काम करने वाले युवाओं का मानना है कि यहां जब जानवर आते हैं तो उनकी स्थिति बहुत खराब रहती है, जिससे ये धुन उनके लिए जरूरी हो जाती है.
क्राउड फंडिंग से होती है मदद
उन्होंने कहा कि समाज में आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उन्हीं के सहयोग से गौशाला के लिए फंड इकठ्ठा होता है. वहीं पशुओं के इलाज का डॉक्टरों द्वारा फ्री में किया जाता है. इसके साथ ही यदि किसी महीने पैसे घट जाते हैं तो उनकी टीम अपने जेब खर्च और सैलेरी से पैसे का इंतजाम करती है. इस तरह से ये गौशाला कई सालों से चल रही है.कामधेनु गौसेवा संस्थान की टीम ने अब तक 2314 जानवरों का उपचार कर चुकी है. जिसमें 2269 गौवंश, 5 भैंस, 31 घोड़े, तीन बंदर, 3 बिल्ली, एक चिड़िया सहित 1 लोमड़ी का भी इलाज किया जा चुका है.
ऐसे करते हैं काम
गौरव राही ने बताया कि इस काम को सोशल मीडिया के जरिये लोगों तक पहुंचाने के साथ ही अपना नंबर भी देते हैं. जिसके बाद अब कहीं भी कोई असहाय या दुर्घटनाग्रस्त जानवर किसी को भी दिखता है तो उन्हे जानकारी मिल जाती है.
सरकार ने नहीं की मदद
इस संस्थान में काम करने वाले युवाओं ने कई बार जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनका कोई सहयोग नहीं किया. गौरव ने बताया कि कहते हैं कि कमलनाथ सरकार के 5 मंत्रियों से मदद की गुहार लगा चुके हैं लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की.
गाय को लेकर सरकारे हमेंशा राजनीति करती रही हैं. वर्तमान सरकार भी गौशाला के नाम पर बड़ी वाहवाही लूट रही है. लेकिन दुख की बात ये है कि युवाओं के इस सकारात्मक प्रयास के लिए सरकार कोई सहयोग नहीं कर रही है.