शहडोल। मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट के नाम से तो जाना जाता है लेकिन बाघों की मौत के मामले में भी एमपी अव्वल है. यहां बाघों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. मध्य प्रदेश के वन्यजीव आवासों में विभिन्न कारणों से पिछले चार वर्षो में 32 शावकों सहित 85 बाघों की मौत हो गई. बेमौत मरते ये बाघ टाइगर स्टेट की सरकार और उसके वन विभाग पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, जिसके पास ऐसी घटनाओं को रोकने का कोई इंतजाम नहीं हैं. शहडोल के जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र के कौवा सरई के जंगल में एक बाघ का शव मिला है. बाघ का शव कुएं के अंदर मृत अवस्था में मिला है. वन विभाग की टीम ने शव को कुएं से बाहर निकाल कर उसका अंतिम संस्कार करा दिया है.
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