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शहडोल का 10वीं पास लखपति किसान, पैसों की तंगी से पढ़ाई रुकी पर आधुनिक गन्ने की खेती से हुए मालामाल - hitech sugarcane Millionaire farmer

Shahdol Millionaire Farmer: कहते हैं अगर आपमें काबिलियत है तो कामयाबी पाने से आपको कोई नहीं रोक सकता है. किसी भी क्षेत्र में इंसान मेहनत और अपने दम पर आगे बढ़ सकता है. ऐसा ही नजारा शहडोल में एक 10वीं पास किसान का देखने मिला है. जो खेती के दम पर लाखों का मालिक है. पढ़िए किसान की सक्सेस स्टोरी...

Shahdol Millionaire farmer
शहडोल का 10वीं पास लखपति किसान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 11, 2024, 3:48 PM IST

Updated : Jan 13, 2024, 1:23 PM IST

गन्ने की खेती ने किसान को बनाया लखपति

Hitech Sugarcane Millionaire Farmer:कहते हैं पैसों की अभाव की वजह से भले ही कोई पढ़ाई और डिग्री हासिल न कर सके, लेकिन उसकी काबिलियत को भला कोई कैसे रोक सकता है. हम आपको एक ऐसे किसान से मिलवा रहे हैं जिनकी स्टोरी इंसपायरिंग है. पैसों के अभाव की वजह से रामायण चौरसिया ने 10वीं तक ही पढ़ाई की और फिर अपने पिता के साथ खेती-किसानी में जुट गए. लेकिन जिद और जुनून ऐसा था कि आज इसी खेती के दम पर रामायण ने इतने पैसे कमाए कि पूरे मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ा रोल मॉडल बन चुका है.

कैसे बना 10th पास लखपति किसान

कहते हैं पैसों के अभाव की वजह से भले ही कोई डिग्री हासिल न कर सके पढ़ाई न कर सके लेकिन उसकी काबिलियत को भला कोई कैसे रोक सकता है. एक ऐसे ही किसान हैं शहडोल जिले के विक्रमपुर गांव के रहने वाले रामायण चौरसिया, जो पैसों के कमी की वजह से दसवीं तक ही पढ़ाई कर सके और अपने पिताजी के साथ घर चलाने के लिए खेती किसानी में जुट गए, लेकिन मन में इसे लेकर कसक और एक जिद थी कि जिस पैसों की वजह से वो पढ़ाई नहीं कर पाए, अब वो इस खेती किसानी से मेहनत करके पैसा ही पैसा कमाएंगे.

गन्ने की खेती से किसान मालामाल

इसके बाद उन्होंने खेती को अत्याधुनिक तरीके से करना शुरू किया और प्रमुख तौर पर गन्ने की खेती की शुरुआत की. पहले बहुत छोटे स्तर से गन्ने की खेती की शुरुआत की थी, लेकिन आज वो लगभग 15 एकड़ रकबे पर गन्ने की खेती करते हैं और उससे लाखों रुपए कमाते हैं. वो भले ही दशवीं तक ही पढ़ाई कर सके हैं लेकिन 10th पास लखपति किसान जरूर बन चुके हैं.

कितने एकड़ रकबे में गन्ने की खेती फायदेमंद

रामायण चौरसिया बताते हैं कि उनके पास लगभग 5 एकड़ जमीन ही है, लेकिन वह गन्ने की खेती 15 एकड़ जमीन पर करते हैं. लगभग साल दस साल से इसका रकबा बढ़ाते ही जा रहे हैं. रामायण चौरसिया कहते हैं, इसके लिए वह लोगों की जमीन को लीज पर लेते हैं. फिर उसमें गन्ने की फसल लगाते हैं और उस फसल को बेचते हैं. जिससे उन्हें अच्छी आय होती है. रामायण चौरसिया कहते हैं कि गन्ने की फसल का रकबा वो साल दर साल बढ़ाते ही जा रहे हैं. आगे अगर उन्हें इसी तरह जमीन जमीन मिलती रही तो इसे और बढाते जाएंगे.

गन्ने से कितनी आमदनी हुई

किसान रामायण चौरसिया कहते हैं कि 10 से 15 एकड़ रकबे में वह गन्ने की खेती करते हैं. जिसमें वह 10 से 15 लाख रुपए तक कमा लेते हैं, लेकिन उसमें खर्च भी लगता है, लागत भी आती है लीज का भी पैसा देना होता है. इस तरह से 4 से 5 लाख के लगभग वह इस फसल से फायदे के तौर पर बचा लेते हैं जो उनका पूरा फायदा होता है.

गन्ने की खेती पर कितना खर्च

गन्ने की खेती में कितना खर्च आता है, इसे लेकर किसान बताते हैं पहले खेत की जुताई करवाना उसमें खर्च लगता है. महंगाई इतनी है पेट्रोल-डीजल भी महंगा है फिर उसका नाली बनवाना और मजदूरी लेबर खर्च भी बहुत लगता है, फिर उसमें गन्ना लगवाना उसमें भी खर्च आता है, क्योंकि रकबा बड़ा है. उसमें निंदाई, गुड़ाई का खर्च है. फिर उर्वरक डालना और दवा डालना, उसमें भी खर्च आता है. इस तरह से खर्चे तो लगते हैं, लेकिन अगर अच्छे से खेती की जाए तो आमदनी भी होती है. खर्च को लेकर किसान रामायण चौरसिया कहते हैं कि एक एकड़ में लगभग 50 से 60 हजार रुपए तक गन्ने की खेती करने में खर्च आता है. और 15 एकड़ में लगभग 9 लाख रुपए के आसपास खर्च आ जाता है.

गन्ने की खेती करतीं महिलाएं

गन्ने के लिए ऐसे ढूंढा मार्केट

देखा जाए तो शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां बहुत बड़ी मंडी भी नहीं है. यहां गन्ने की खेती भी उतनी बड़ी तादात में नहीं की जाती है. ऐसे में गन्ने की इतनी फसल को वह बेचते कहां है, बाजार कहां से ढूंढा इसे लेकर भी वह दिलचस्प कहानी बताते हैं कि पहले वह थोड़ी खेती करते थे जो बुढ़ार में गन्ना जाता था, फिर इसके बाद वह शहडोल मार्केट तक पहुंचे. फिर उमरिया जिले में भी मार्केट पकड़ा तो थोड़ा रकबा और बढ़ाया. फिर वह अनूपपुर जिले के बिजुरी तक गए, फिर छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ सूरजपुर तक गन्ना बेचने गए और खेती का रकबा बढ़ाते गए.

गन्ने की फसल को निहारते रामायण चौरसिया

सूरजपुर में उनके एक मित्र मिले जब लॉकडाउन लगा और वह अपना गन्ना नहीं बेच पा रहे थे. तब सूरजपुर के ही एक मित्र ने उनका परिचय कोलकाता के एक व्यापारी से करवाया. कोलकाता के व्यापारी ने इन्हें भरोसा दिया कि वह पूरा गन्ने की फसल वह उठा लेंगे. वह जितना लगा सकते हैं लगाएं. उसके बाद उन्हें उस गन्ने के अच्छे दाम भी मिलने लग गए. कोलकाता का व्यापारी ट्रक के माध्यम से गन्ना ले जाता है. जिससे वह मार्केट तलाशने में भी कामयाब हुए.

खेती के लिए कैसी मिट्टी अच्छी

गन्ने की खेती के लिए किस तरह की मिट्टी अच्छी होती है. इसे लेकर किसान बताते हैं की रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है. अगर गोबर खाद पड़ जाए तो बहुत अच्छी हो जाती है. हालांकि गन्ने की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में कर सकते हैं. बस जमीन गहरी होनी चाहिए. पानी नहीं रुकना चाहिए तो गन्ने की खेती की जा सकती है.

गन्ने के अलावा भी कई फसलों की खेती

ऐसा नहीं है कि रामायण चौरसिया सिर्फ गन्ने की ही खेती करते हैं. गन्ना तो उनकी पहली प्राथमिकता है. सबसे ज्यादा रकबे में इसकी खेती करते हैं, लेकिन इसके अलावा वह धान और गेहूं की फसल भी लगाते हैं. सब्जियों की खेती भी करते हैं. मतलब वो थोड़ा बहुत इन फसलों की भी खेती करने से पीछे नहीं हटते और इससे भी अच्छी आय हासिल करते हैं.

शहडोल का 10वीं पास लखपति किसान

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कोलकाता के व्यापारियों की पहली पसंद

किसान रामायण चौरसिया मुस्कुराते हुए कहते हैं कि गन्ने की खेती तो उनकी पसंद की खेती है. गन्ने से उन्हें बड़ा प्रेम है. इसलिए वो गन्ने की खेती करते हैं, किसान का कहना है कि कोलकाता के व्यापारी भी जो उनका गन्ना लेकर जाते हैं. उनकी तारीफ ही करते हैं. उनका कहना होता है कि आपका गन्ना बहुत मीठा होता है. इसलिए भी उसकी बहुत डिमांड रहती है, और इसीलिए वह रकबा भी लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. किसान रामायण चौरसिया का कहना है कि उनके गन्ने की फसल में मिठास इसलिए होती है, क्योंकि वो उर्वरक में जैविक खाद और गोबर खाद का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.

Last Updated : Jan 13, 2024, 1:23 PM IST

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