मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

इलाज पर दगना कुप्रथा हावी, एक और बच्ची ने तोड़ा दम, आखिर कब तक गहरे जख्मों का शिकार बनेंगे मासूम ? - इलाज के नाम पर गर्म सलाखों से दागा

शहडोल में दगना कुप्रथा की शिकार हुई एक और मासूम बच्ची ने दम तोड़ दिया. घटना सामतपुर गांव की है. 3 माह की बच्ची को सांस लेने में दिक्कत होने पर गर्म सलाखों से दागकर इलाज किया गया. गंभीर हालत में उसे इलाज के लिए पहले मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

child
बच्ची

By

Published : Feb 5, 2023, 1:19 PM IST

Updated : Feb 5, 2023, 4:06 PM IST

शहडोल। जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और इस जिले में दगना कुप्रथा का प्रचलन बहुत ज्यादा है. शायद इसी वजह से आए दिन दगना कुप्रथा के केस आते रहते हैं, अभी हाल ही में शहडोल जिला कठौतिया गांव के एक मासूम बच्ची को दागने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ था, और अब एक बार फिर से शहडोल जिले के सामतपुर गांव में घटना हो गई है, जहां एक और मासूम बच्ची को इलाज के नाम पर दागा गया था. गंभीर होने पर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से होते हुए एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

इलाज के नाम पर ये कैसी 'जानलेवा कुप्रथा':दगना कुप्रथा का नया मामला शहडोल जिले के सामतपुर गांव का है, जहां से यह दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल सामतपुर की इस 3 महीने की बच्ची को कई बार गर्म सलाखों से दागा गया था, जब हालत बिगड़ने लगे तो मासूम को शहडोल मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां हालत नाजुक बनी हुई थी, बाद में परिजन उस मासूम को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज से निजी अस्पताल ले गए. जहां उसका इलाज चल रहा था, जिस मासूम को दागा गया था उसका नाम शुभी कोल था, इस मासूम बच्ची को सांस लेने में समस्या थी.

MP Shahdol इलाज के नाम पर 3 माह की मासूम को गर्म सलाखों से दागा, हालत गंभीर

बच्ची को गर्म सलाखों से दागा: दगना कुप्रथा के बाद सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से मासूम को दाग तो दिया गया था, लेकिन जब उसकी हालत बिगड़ने लग गई तो उसके मां-बाप ने तुरंत उसे एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले कर गए. परिजनों के मुताबिक गांव में उन्हें बेहतर सुविधा इलाज कि नहीं मिली जिसकी वजह से वो पास के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए, यहां पर भी जब हालत में सुधार नहीं आया तो परिजन बुढार लेकर पहुंचे थे. जहां से मेडिकल कॉलेज के लिए उन्हें रेफर कर दिया गया था. बालिका के शरीर में दागने के कई घाव थे, बालिका की हालत जब लगातार बिगड़ती रही सुधार नहीं हुआ तो परिजन बच्ची को मेडिकल कॉलेज से ले जाकर एक निजी अस्पताल में भर्ती किए जहां इलाज के दौरान उस मासूम बच्ची ने अपने प्राण त्याग दिए. बताया जा रहा है कि 3 माह की शुभी गोल को सांस लेने में समस्या थी बालिका को गर्म सलाखों से दागा गया था, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई.

शहडोल में इलाज पर अंधविश्वास हावी, मासूम को गर्म सलाखों से दागा, इलाज जारी

इलाज पर दगना कुप्रथा भारी:जमाना इतना बदल चुका है, मेडिकल क्षेत्र में भी देश कितना आगे बढ़ चुका है. गांव-गांव में अत्याधुनिक सुविधाएं बढ़ चुकी हैं, फिर भी दगना जैसी कुप्रथा आज भी कुछ गांव में प्रचलन में है. जिसकी वजह से लोगों को इस कुप्रथा का शिकार होना पड़ रहा है. ऐसे में दगना कुप्रथा के खिलाफ प्रशासन को भी सख्त से सख्त एक्शन लेना होगा, साथ ही ग्रामीण अंचलों में अवेयरनेस की अलख भी एक बार फिर से जगानी होगी. क्योंकि अभी कुछ साल पहले दगना के केस आने के बाद प्रशासन ने ग्रामीण अंचलों में इस दगना कुप्रथा के खिलाफ काफी कुछ प्रयास किया था, गांव गांव प्रचार प्रसार भी किये गए थे. लोगों को अवेयर किया था, जिसका असर भी दिखा था. लेकिन अब एक बार फिर से जब इस तरह के केस सामने आ रहे हैं तो प्रशासन को कुछ उसी तरह की पहल करना होगा.

Last Updated : Feb 5, 2023, 4:06 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details