शहडोल।आदिवासी जिला शहडोल में छोटे किसान बहुतायत में पाए जाते हैं. किसी के पास 1 एकड़ तो किसी के पास 1 एकड़ से भी कम जमीन है. जिले में लघु और सीमांत किसानों की भरमार है और अक्सर देखा जाता है कि 60 साल की उम्र के बाद ऐसे किसान जो सिर्फ अपनी कृषि पर ही केंद्रित रहते हैं और जब वे शारीरिक रुप से कमजोर हो जाते है, तो उन्हें गुजारा भत्ता के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे समय के लिए और ऐसे किसानों के लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित हो सकती हैं. बस जरूरत है इस योजना को अपनाने की.
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि लघु और सीमांत किसानों के लिए पेंशन देने की जो योजना लाई गई है, वह वाकई काबिले तारीफ है, भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि किसानों के लिए पेंशन की मांग तो बहुत पहले से होती आ रही है. अभी सरकार ने इसको एक योजना के रूप में प्रधानमंत्री मानधन योजना में शामिल करके लाया गया है. इसमें 18 वर्ष से लेकर के 40 साल उम्र वर्ग के किसान लाभान्वित हो सकते हैं.
किसान नेता भानुप्रताप सिंह कहते हैं कि हमारे यहां लघु और सीमांत किसानों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिनके पास 5 एकड़ या फिर उससे कम की जमीन हैं ऐसी स्थिति में लघु और सीमांत किसानों के लिए ये बहुत ही फायदेमंद होगा. किसान नेता मानते हैं कि इस योजना की जानकारी किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है क्योंकि इसका प्रचार प्रसार ज्यादा नहीं हुआ है.
जानिए क्या है योजना ?
कृषि विभाग के उपसंचालक आरपी झारिया बताते हैं कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं. इस योजना के तहत जिन किसानों के पास पांच एकड़ तक या उससे कम है जमीन है और किसान की उम्र 18 से 40 तक तो इस तरह के किसान प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना का लाभ ले सकते हैं. जिसमें सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) या एमपी ऑनलाइन सेंटर में जाकर वे अपना पंजीयन करा सकते हैं, इसके लिए आधार कार्ड, बैंक की पासबुक की छायाप्रति की जरुरत होगी. एक बार किसान पंजीयन करा ले उसके बाद उनको पंजीयन कार्ड मिल जाएगा. जिसके बाद 18 साल के किसान को 55 रुपए और 40 साल वाले किसान को 200 रुपये मासिक किश्त दी जाएगी.
ये किश्त अलग-अलग उम्र के किसान के हिसाब से बनेगी, जैसे 18 उम्र वर्ग वाले को 55 रुपये, 19 साल वाले को 58 रुपये और 20 साल वाले को 61 रुपये प्रीमियम किसान को लगेगा और जितना प्रीमियम किसान देगा उतना ही सरकार अपनी ओर से जमा करेगी जो उनके खाते में जाएगा. उदारहण के लिए समझा जा सकता है कि अगर जैसे 18 साल का 55 रुपए प्रीमियम देता है तो उतना ही (55 रुपए) सरकार की ओर से उसे मिलेगा, कुल मिलाकर 110 रुपये उस किसान के पेंशन खाते में जमा होगी.
इसके 60 साल हो जाने के बाद किसान को 3 हज़ार रुपये प्रति माह की पेंशन मिलने लगेगी और ये पेंशन उनके आखिरी तक मिलेगी. इतना ही नहीं अगर किसान भाई की किसी कारण वश 60 साल से पहले ही मौत हो जाती है तो उतना ही पैसे जितना जमा हुआ है, या तो नॉमिनी निकलवा सकता है या फिर नॉमिनी उसे आगे तक चला सकता है और वो भी इस पेंशन का हकदार होगा. लघु एवं सीमांत किसान पति-पत्नी इस योजना को अलग-अलग अपनाने के लिए पात्र होंगे.
गौरतलब है कि यह योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए है, इस योजना के तहत जिनकी जितनी उम्र है, उसे लेकर इस योजना के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उसके अनुसार यह पेंशन योजना बहुत ही फायदेमंद है और इस पेंशन योजना का फायदा उठाकर किसान 60 साल की उम्र के बाद के लिए अपने लिए प्रतिमाह कुछ पैसे का इंतजाम कर सकते हैं.