Magh Purnima Rituals: भारतीय हिंदू पंचांग में गणना के मुताबिक माघ पूर्णिमा का टाइम 04 फरवरी 2023 को रात्रि साढ़े 9 बजे से शुरु है (9.29 PM) साथ ही शुभ समय 05 फरवरी को रात 11.58 PM तक होगा. मगर लोगों के लिए यह जानना जरुरी है कि उदयातिथि में ही माघी पूर्णिमा तो मनाएं. यह 05 फरवरी 2023 को होगा और इसे उदयातिथि के अनुसार मनाने की सलाह दी जाती है. माघी पूर्णिका को लेकर स्नान का काफी महत्व है जिसमें खासकर उन लोगों के लिए जिन्हे चंद्रमा या फिर सूर्य का कोप भाजन बनना पड़ता है. इसलिए सही समय आपके लिए जानना बेहद जरुरी है कि कब स्नान करना है? स्नान का सर्वश्रेष्ठ समय है 5 फरवरी को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से 6 बजे तक. इसके अलावा भी कुछ समय है जिसे बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री.
किस मुहूर्त में करें स्नान, क्या करें दान?ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि माघी पूर्णिमा के दिन प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में 4:00 बजे से लेकर 6:00 बजे के बीच में जो गंगा, संगम में जाकर स्नान करता है उसे पूरे माघ महीने में स्नान करने का फल मिल जाता है. 1 माह तक जो गंगा किनारे कल्पवास करके स्नान करते हैं उनको तेल, साबुन लगाना, श्रृंगार करना यह सब वर्जित रहता है, लेकिन माघी पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद तिल का तेल लगाएं, चंदन लगाएं, जल के किनारे खड़े होकर सूर्य भगवान को तर्पण करें, बाहर आकर गरीबों को जितना हो सके तिल, चावल, आटा, गन्ना या कोई फल बांटे. इसके बाद अगर और अधिक दान करना है तो गरीबों को काला कंबल बांटे. यह सब दान करने से माघ पूर्णिमा का पूरा फल मिलता है.
वैसे तो माघ का पूरा महीना ही काफी पवित्र माना जाता है और इस विशेष महीने में ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करने का भी विशेष महत्व है. कई लोग तो गंगा किनारे कल्पवास करके माघ का पूरे महीना स्नान करते हैं, लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का भी विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन को लेकर लोगों में काफी आस्था है. इस विशेष दिन सूर्य की विशेष पूजा होती है. माघी पूर्णिमा का क्या विशेष महत्व है, सूर्य को किस तरह से अर्घ्य देने से भाग्योदय होता है, माघी पूर्णिमा में किस विशेष मुहूर्त में स्नान करें, जिससे पूरे महीने भर स्नान करने का फल मिलता है. इस विशेष दिन क्या दान करें क्या न दान करें यह जानना बेहद जरुरी होता है.