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कार्तिक पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये आसान उपाय, कट जाएंगे सारे पाप, मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद - ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री

Kartik Purnima 2023: 26 और 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है. इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा करने का बहुत महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन कौन से काम करना चाहिए जिससे सारे पाप धुल जाएं और लाभ ही लाभ हो.

Kartik Purnima 2023
कार्तिक पूर्णिमा 2023

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 25, 2023, 10:00 AM IST

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री

शहडोल। वैसे तो पूरा कार्तिक महीना ही बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि बहुत विशेष होती है. ज्योतिष आचार्य की माने तो इस दिन जातकों के पास एक ऐसा मौका होता है कि वह एक ही दिन में कुछ आसान से उपाय करके पापों से मुक्ति पा सकते हैं. अपने आने वाले जीवन को बेहतर बना सकते हैं, भगवान के सानिध्य में ले जा सकते हैं. आइये जानते हैं मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के आसान से उपाय.

कब है कार्तिक पूर्णिमा:ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''कार्तिक पूर्णिमा, कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 26 नवंबर 2023 से प्रारंभ हो रहा है, यानी 26 नवंबर 2023 को दोपहर 3:15 बजे से पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो रही है. वहीं 27 नवंबर को 2:17 बजे तक रहेगा. कुछ लोग उदया तिथि मानते हैं जो प्रशस्त भी है, ऐसे में 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा की उदया तिथि मानी जाएगी.''

सूर्योदय से पहले स्नान का महत्व:ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''कार्तिक पूर्णिमा को लेकर शास्त्रों में लिखा है, कि यह भगवान विष्णु का महीना होता है, और बहुत सी महिलाएं या पुरुष कार्तिक पक्ष में नदी, कुएं, या तलाब में सूर्योदय से पहले स्नान करते हैं. प्रत्येक दिन किसी विष्णु मंदिर में जाकर के वहां पूजा अर्चना आरती करते हैं, और व्रत करते हैं.''

खाने में करें ऐसे परहेज:ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''कार्तिक पूर्णिमा के दिन बहुत सारी चीज खाने के लिए मना रहता है. अधिकांश महिलाएं जैसे रोटी है, और सब्जी है, सब्जियों में जैसे कुम्हड़ा नहीं खाने का विधान है और इस दिन के लिए शास्त्रों में भी लिखा है कि सिर्फ लौकी की सब्जी खाने का ही विधान बताया गया है. कार्तिक पक्ष में एक महीने तक स्नान करने का विधान बताया गया है.''

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का महत्व:कार्तिक पूर्णिमा का एक महत्व ये भी है कि अगर जो भी जातक कार्तिक पक्ष में एक माह तक स्नान न कर पाएं हों तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन मतलब 27 नवंबर के दिन सूर्योदय के पहले स्नान कर लें और स्नान करने के बाद भगवान विष्णु को या शिव जी को जल चढ़ा दें, तो एक महीने तक स्नान करने के बराबर ही फल मिलता है. जो इस तरह से पूरे कार्तिक पक्ष में स्नान करते हैं या फिर सिर्फ एक दिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करें या एक माह करें तो जो जाने अनजाने में पाप होता है तो उससे छुटकारा मिल जाता है. उनको अच्छी योनि की प्राप्ति होती है. अत: इनको प्राप्त करने के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करें और यदि व्यवस्था बन जाती है तो पूरे कार्तिक महीने में स्नान करें.

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तुलसी दल चढ़ाने का महत्व:कार्तिक पक्ष में अगर आप स्नान करते हैं तो शास्त्रों में ये भी वर्णन है कि स्नान के बाद भगवान विष्णु के ऊपर तुलसी दल अवश्य चढ़ाएं, पूर्णिमा के दिन या एकादशी के दिन 1100 या 108 तुलसी दल चढ़ाने का विधान है. जो न चढ़ा पाए हों तो पूर्णमासी के दिन भगवान विष्णु के पास जाकर स्नान कराकर और तुलसीदल चढ़ाएं. ऐसी मान्यता है कि इस विशेष दिन तुलसी दल को जो छू लेता है जो भगवान के ऊपर चढ़ा देता है तो उसके तीनों कालों में तीनों लोकों में जाने अनजाने अगर कोई पाप हो गया है तो पापों से मुक्ति मिलती है, और अच्छी योनि की प्राप्ति होती है. घर में सुख शांति बनी रहती है. इसलिए पूर्णमासी के दिन तुलसी दल भगवान को चढ़ाने का विधान है, और जो भी भोजन करें तो उसमें तुलसी दल आवश्यक रूप से चढ़ाकर भोजन करें, तो पाप से निवृत्ति हो जाएगी और भगवान के सानिध्य में जाने का अच्छा मौका मिलेगा.

कार्तिक पक्ष में गंगा नहाने का विशेष महत्व:ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''शास्त्रों में वर्णन है कि कार्तिक पक्ष में गंगा जी में जाकर 30 दिन के बीच में किसी भी दिन अगर स्नान कर लेते हैं, तो पूरे महीने स्नान के बराबर ही फल मिलता है. घरों में कुएं में तालाब में, नदी या झरने में स्नान करते हैं तो 30 दिन स्नान करना पड़ेगा, लेकिन गंगा जी में अगर महज एक दिन स्नान कर लेते हैं तो उतना ही महत्व होता है. सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, इसलिए कार्तिक महीने में एक दिन गंगा स्नान करने का विधान है.''

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