शहडोल। शहडोल सहित प्रदेशभर में तेजी से नशे का कारोबार बढ़ रहा है. जिससे बड़ी संख्या में युवा नशे के आदि होते जा रहे हैं. शहडोल जिले में भी नशीले पदार्थों का जमकर कारोबार हो रहा है. हाल ही में पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई में जिलेभर से भारी मात्रा में गांजा जब्त किया था. जिससे साफ होता है कि जिले में गांजे का नशा जमकर किया जा रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत ने आयुर्वेद और पंचकर्म विशेषज्ञ डॉक्टर तरुण सिंह से बात की गई. जिसमें यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर गांजा कितना खतरनाक होता है और इसकी लत को कैसे छुड़ाया जा सकता है.
नशा मुक्ति शिविरों में भी काम कर चुके डॉक्टर तरुण सिंह ने बताया कि गांजे का नशा बहुत ही खतरनाक है. यह सीधे व्यक्ति के हृदय तंत्र पर असर करता है. जबकि मस्तिष्क का तंत्र जो पेट से जुड़ा होता है उस पर भी बुरा असर करता है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति शिविर में आने वाले लोगों की भीड़ इस बात की गवाह है कि आज के दौर में नशा करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. खासकर युवाओं में नशे का क्रेज बढ़ा है. जहां युवा गांजा बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं.
गांजे के नशे से लीवर में होता है खराब
डॉक्टर तरुण सिंह ने कहा गांजे का नशा करने से एब्डोमिनल क्रैंप्स आते हैं जिससे लीवर खराब होने के चांस बढ़ जाते हैं. कई बार सिरोसिस भी हो जाती है. मतलब खाना बाहर आने लग जाता है, खाना शरीर पर असर नहीं करता. गांजे के लगातार सेवन से अनिंद्रा होने लगती है. लोगों में डिप्रेशन बढ़ने लगता है. कई बार मूड खराब होने पर आदमी भूलने लगता है. ऐसी कई बीमारियां गांजे का नशा करने से होती हैं.
35 से 40 साल के लोग अगर बहुत ज्यादा गांजा पीते हैं. तो उनके फेंफड़े खराब होने लगते हैं. जबकि ऐसे लोगों में नपुंशकता भी आने लग जाती है. 40 से 45 साल के लोगों में पाचन तंत्र की गड़बड़ियां आ जाती हैं. जबकि लकवा लगने के चांस भी बढ़ जाते हैं. डॉक्टर तरुण सिंह ने कहा कि गांजे का नशा इतना खराब होता है कि इसके सेवन से आदमी पागल भी हो सकता है.