शहडोल। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने राजनीति और नेताजी से जुड़े कई सवालों के खुलकर जवाब दिये. वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य, मोदी सरकार के कामकाज के अलावा भारत रत्न जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने बेबाकी से जवाब दिये हैं.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी से खास बातचीत
सवाल-नेताजी सुभाषचंद्र बोस को जो सम्मान मिलना चाहिए वो अब तक मिल पाया?
जवाब- देश की जनता की ओर से तो मिला है, लेकिन सरकारों की ओर से नहीं.
सवाल- चुनावी मौसम में आपका परिवार किस तरफ होगा?
जवाब- जो सही होगा.
सवाल- मोदी सरकार के प्रति आपका झुकाव है?
जवाब- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार उजागर कर सकती थी, लेकिन उतना नहीं किया जितना होना चाहिए.
सवाल- फाइल का खुलासा करने पर केंद्र सरकार से कितनी उम्मीद थी?
जवाब- सेंट्रल और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से काफी उम्मीद थी. हमने भी कई चिट्ठी लिखी थीं रिसर्चर की ओर से, अपनी ओर से भी, लेकिन खुलासा नहीं हुआ है, जबकि हम लोगों ने लिस्ट ऑफ फाइल नंबर भी देकर बताया कि कौन सा मिसिंग हो रहा है, लेकिन कुछ रिस्पांस नहीं मिला. विदेश में जो सुभाष चंद्र रिलेटेड फाइल्स हैं, वर्ल्ड में जितने देश के साथ उनके कॉरस्पोंडेंट्स थे, उन सभी से सरकार नेताजी के बारे में फाइल्स मांग ले और सारे देश की जनता को सार्वजनिक कर इसकी जानकारी दे.
सवाल- नेताजी को भारत रत्न मिलना चाहिए?
जवाब- जब दूसरों को स्पेशली गांधी परिवार को दिया गया है तो मुझे लगता है कि नेता जी के लिए भारत रत्न से बड़ा अवार्ड अगर कोई रहे तो वो ठीक होगा, नहीं तो पहले गांधी परिवार से भारत रत्न हटा लें, फिर नेताजी के लिए सोचें.
सवाल- भारत रत्न के लिये कभी कोई प्रयास किया?
जवाब- प्रपोजल तो आया था, लेकिन मरणोपरांत भारत रत्न का जिक्र किया गया, जिसे लेकर कई एक्टिविस्ट ने विरोध किया, क्योंकि ये देरी से भी आया और मरणोपरांत कैसे बोल सकते हैं क्योंकि जब एक आदमी का डेथ सर्टिफिकेट नहीं है, डेड बॉडी किसी ने देखी नहीं, ऐसे में पोस्थ्युमस बोलना सही नहीं है, उनका अपमान करने के बराबर है. इसलिए भारत रत्न पोस्थ्युमस नहीं चाहिये.
सवाल- वर्तमान राजनीति पर क्या कहेंगी?
जवाब- वर्तमान राजनीति में तो कोई नीति नहीं है, कोई सिस्टम नहीं है. इस सिस्टम को पूरा बदलना होगा क्योंकि राजनीति को राजधर्म कहा जाता है. इसका उद्देश्य होना चाहिए कि हमारे देश का जो अंतिम व्यक्ति है, उसे खाने को मिले, पहनने को मिले.
सवाल- राहुल गांधी की सरकार आती है तो क्या उम्मीद है?
जवाब- हम किसी के लिए कैंपेन नहीं कर सकते हैं. उम्मीद है कि जनता अपनी इच्छा से सक्षम व्यक्ति हो उसे देखे. किसकी विरासत किस में है ये नहीं देखे, जनता ये देखे कि . किसका गुड वर्क है, उसी पर अपनी राय दे.
सवाल- मोदी के सत्ता में आने के बाद बदलाव देखती हैं ?
जवाब- जो बदलाव देखना चाहते हैं, वो बदलाव तो अभी तक नहीं देखा, देखिये हम लोग फ्रीडम फाइटर्स की जीवनी पढ़ते हुए एक सपने का भारत मन में गढ़ चुके हैं, वो जब तक पूरा नहीं होता एक डिसअपॉइंटमेंट रहेगा ही, नेगेटिव बात रहेगी ही.
सवाल- नेता जी के सम्मान के लिए मोदी जी ने कुछ किया है ?
जवाब- देखिये सम्मान तब मिलेगा जब एयर क्रैश में देहांत का ऑफिशियल रिकॉर्ड हटेगा. युद्ध अपराधी का जो टैग है वो हट जाएगा. कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स का जो मेंबर शिप है, उससे हिम्मत करके कोई भी सरकार सदस्यता हटा दे क्योंकि कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स, ब्रिटिश हुकूमत का है और एक क्लब है. उसका सदस्य बनकर रहना मतलब जितने क्रांतिवीर हैं, जिन्होंने ने बलिदान दिया है, नेताजी ने फाइट किया है, ब्रिटिश फ्री भारत के लिए सभी को सम्मान सही में देना है तो इस सदस्यता से पहले भारत सरकार को हट जाना चाहिए.
सवाल- वर्तमान में कोई नेता नजर आ रहा है, जो नेता जी को सम्मान दिला सके ?
जवाब- अभी तक तो कोई नहीं आया, सभी टेस्ट हो गए.